यह भी पढ़ें पंजाब में Coronavirus से चौथी मौत, नया गांव सील, मचा हड़कंप 424 गांवों की कहानी रोपड़ के एसएसपी स्वप्निल शर्मा ने बताया कि तीन अति संवेदनशील स्थानों से घिरे जिले को अब तक सुरक्षित रखने के लिए प्री-इम्पेटिव सट्रेट्जी समेत 1200 वलंटियरों ने निश्चित रूप में कारगर काम किया है। इस इलाके में विदेश से वापस आए 440 व्यक्ति क्वारंटाइन अधीन हैं। 14 संदिग्ध व्यक्तियों के नमूनों में से 11 पहले ही नेगेटिव पाए गए हैं। तीन अन्य के टेस्ट नतीजों का इन्तज़ार है। पंचायतों, युवा क्लबों और वलंटियरों की सहायता ली जा रही है क्योंकि जि़ले के 424 गाँवों जिनकी आबादी करीब 74 फीसदी है, को जागरूक करने में नेतृत्व कर रहे हैं। एसएसपी स्वप्निल शर्मा ने आगे कहा कि इन वलंटियरों को सोशल मीडिया समूहों द्वारा नवीनतम दिशा-निर्देशों और प्रक्रियाओं संबंधी जानकारी दी जा रही है, जो कि जि़ला मुख्यालयों में पुलिस वॉर रूम में चलाए जाते हैं।
यह भी पढ़ें 81.46 करोड़ की संपत्ति के मालिक BJP MP सनी देओल दिल से बेहद गरीब, जानिए कैसे सरपंच, लम्बरदार, चौकीदार और पूर्व सैनिक शामिल एसएसपी ने बताया कि हम सभी इकठ्ठा होकर इकाई के रूप में काम कर रहे हैं, जिसमें सभी सरपंच, लम्बरदार, चौकीदार और पूर्व सैनिक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गाँव के गुरुद्वारा साहिब और मंदिरों ने स्वास्थ्य विभाग और सरकार की सभी हिदायतें को लोगों तक पहुँचाने के लिए प्रभावशाली ढंग से सहायता की है।
यह भी पढ़ें पंजाब की सीमाएं सील करने का आदेश, कर्फ्यू 14 अप्रैल तक बढ़ाया गया भोजन वितरण अन्य जानकारी साझी करते हुए एस.पी. मुख्यालय रोपड़ जगजीत सिंह ने बताया कि किसी भी समय जि़ला पुलिस कार्यालय में सूखे राशन के 500 फूड पैकेट आसानी से उपलब्ध हैं। एक पैकेट 14 भोजन तैयार करने के लिए काफ़ी है। भोजन सम्बन्धी जब भी 112 पर कोई कॉल आती है तो जि़ला पुलिस की समर्पित टीमें तुरंत ज़रूरतमंदों को खाने के पैकेट मुहैया करवाती हैं। कर्फ्यू लागू होने के बाद पिछले आठ दिनों में पहले ही पके हुए खाने के 30,000 से अधिक पैकेट और 17,600 पैकेट सूखे राशन के बाँटे जा चुके हैं।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया गाँव अकबरपुर के समाज सेवक गुरचरन सिंह ने बताया कि मेरी पंचायत ने लोगों को गाँव से बाहर न जाने के लिए प्रेरित किया है। किसी को भी उनके रिश्तेदारों को मिलने नहीं दिया जा रहा और न ही किसी को गाँव के अंदर आने दिया जाता है। यह इमरजैंसी का समय है और हर किसी द्वारा संयम से काम लेने की ज़रूरत है। पंजाबियों के लिए मुश्किलें जि़ंदगी जीने का एक ढंग है। राज्य सरकार और पुलिस हमारी सहायता के लिए आ गई है। हर समस्या का हल किया जा रहा है और नागरिक पुलिस के साथ सहयोग कर रहे हैं। कुछ समस्याएँ पैदा होती हैं परन्तु हम उनको मिलकर हल करते हैं। गाँव वालमगढ़ के सरपंच जसवंत सिंह ने बताया कि राशन, सब्जियों और दवाओं वाला एक वाहन दिन में दो बार मेरे गाँव की एंट्री वाली जगह पर आता है। इमरजेंसी के मामले में हम 112 डायल करते हैं और पुलिस का प्रतिक्रिया प्रशंसनीय है।