स्लम एरिया के बच्चों पर खेल मंत्रालय का फोकस उपराष्ट्रपति एम वैंकैया नायडू ने कहा- खेल को आगे लाने के लिए जरूरी है। एक ऐसा स्काउटिंग सिस्टम सेटअप बने जहां पर प्रतिभा की पहचान हो। वहां पर खिलाड़ियों को उचित ट्रेनिंग दी जाए। कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर आकर खिलाड़ी पूरी तरह से पक जाता है। हमें जरूरत है निचले स्तर पर काम करने की। इसके लिए स्कूलों और स्लम एरिया के बच्चों पर खेल मंत्रालय का फोकस है। कई प्रस्ताव बनाए गए हैं जो आने वाले समय में लागू होंगे।
खेल, योग दिनचर्या का अभिन्न अंग बने खेल स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने फिट इंडिया मुहिम शुरू की,जिसके साथ आज देश का हर वर्ग जुड़ा हुआ है। खेल, योग या कोई भी अन्य शारीरिक गतिविधि अच्छे स्वास्थ्य और तनावमुक्त जीवन के लिए लोगों की दिनचर्या का अभिन्न अंग बनना चाहिए।
खेल और पढ़ाई दोनों का अपना-अपना महत्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक समय था जब समझा जाता था कि खेल बच्चों को होशियार और कामयाब इंसान नहीं बना सकता। उस समय केवल पढ़ाई को ही तवज्जो दी जाती थी, लेकिन आज का समय जितना पढ़ाई के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही खेल के लिए भी। आज अपने बेहतरीन खेल के दम पर एक साधारण सा खिलाड़ी भी बड़ा नाम बना रहा है, इसलिए खेल और पढ़ाई दोनों का अपना-अपना महत्व है। केंद्र सरकार खेल को आगे लाने के लिए कई कार्य कर रही है और कई कार्य पाइपलाइन में है।