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पंजाब राज्य उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने जेट एयरवेज और एयर कनाडा पर लगाया 35 लाख रूपए का जुर्माना

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Sep 01, 2018 02:11:46 pm

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Prateek

आयोग ने इसे सेवा में कमी मानने के साथ-साथ मानवाधिकारों के अन्तरराष्ट्रीय घोषणापत्र का उल्लंघन मानते हुए कहा कि हर एक अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के अनुकूल वातावरण चाहता है…

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(चंडीगढ): पंजाब राज्य उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने एक महिला यात्री को उसके दो बच्चों को विमान यात्रा के बीच में ही उतार देने की शिकायत पर जेट एयरवेज और एयर कनाडा को 35 लाख रूपए मुआवजा भुगतान का आदेश दिया है। साथ ही नागरिक उड्डयन महानिदेशक को आदेश दिया है कि विमान सेवाओं को उपभोक्ताओं के लिए मैत्रीपूर्ण बनाया जाए।

 

महिला यात्री मिनाली मित्तल पिछले साल सितम्बर में अपने दो बच्चों 11 वर्षीय पुत्री तीशा और तीन वर्षीय पुत्र रिवांश के साथ मोहाली से जेट एयरवेज की उडान में वाया दिल्ली आगे की हवाई यात्रा के लिए सवार हुई थी। लेकिन उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर रात के समय बगैर सामान,आवश्यक वस्तुओं और बगैर फोन सुविधा के छोड दिया गया था। राज्य उपभोक्ता आयोग में मिनाली मित्तल के वकील अवनीश मित्तल ने आरोप लगाया था कि मिनाली मित्तल ने महसूस किया कि रंग से उन्हें भारतीय जानकर केबिन कर्मचारी ने उनपर चिल्लाना शुरू कर दिया था। बंद शौचालय से आने वाली बदबू के कारण तीशा ने एयर कनाडा की उडान में वमन कर दी थी।

 

आयोग ने इसे सेवा में कमी मानने के साथ-साथ मानवाधिकारों के अन्तरराष्ट्रीय घोषणापत्र का उल्लंघन मानते हुए कहा कि हर एक अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के अनुकूल वातावरण चाहता है। इसमें खाना,वस्त्र,आवास,चिकित्सा सुविधा,जरूरी सामाजिक सेवाएं और बीमार होने की स्थिति में सुरक्षा का अधिकार चाहता है। आयोग ने कहा कि यात्रियों को विमान में सवार करने से पहले स्वच्छता सुनिश्चित करना चाहिए। एयरपोर्ट डिस्पेंसरी के डाॅक्टर की राय ली जाना चाहिए थी। आयोग ने कहा कि एयर कनाडा ने न्यायसंगत व्यवहार नहीं किया। सामाजिक मानकों और लक्ष्यों के विपरीत काम किया।एयर कनाडा द्वारा शिकायतकर्ता को विमान से उतारना मानवाधिकार और बाल अधिकार उल्लंघन था। इसके साथ ही सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार भी शामिल था।

 

आयोग ने कहा कि विमान कम्पनियों को उनके स्टाफ के अशिष्ट व्यवहार के कारणों की तलाश करना चाहिए। साथ ही एक नीति बनाई जाना चाहिए कि यात्री को किन हालात में उतारा जा सकता है। उड्डयन उद्योग में काम करने के तरीके तनाव के कारण हो सकते है। इस कारण स्टाफ के व्यवहार में चिडचिडापन,आक्रामक और अशिष्टता आ सकती है। स्टाफ को पर्याप्त आराम और तनाव से मुक्ति का प्रशिक्षण देते हुए अच्छे और सम्मानजनक व्यवहार में ढालना चाहिए।

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