पुराने टेण्डरों से पंजाब को नहीं हो रहा कोई फायदा
सिद्धू ने यहां मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शहरी निकायों में विज्ञापनों के टेण्डरों से जहां राजस्थान का शहर एक साल में 80 करोड रूपए कमा रहा है, तो पंजाब का लुधियाना मात्र एक करोड़ रूपया ही कमा पा रहा है। हरियाणा को इन्हीं शहरी निकाय विज्ञापनों से साल में 300 करोड मिल रहे हैं, तो पंजाब को साल में मात्र 20 करोड़ ही मिल रहे हैं। लुधियाना में दस साल में 100 करोड़ के बजाय मात्र 8 करोड़ ही आए।
नई विज्ञापन नीति के तहत आमंत्रित किए जा रहे टेण्डर
उन्होंने कहा कि अब विज्ञापनों का ग्रीन लाईन का टेण्डर रद्द कर दिया गया है। यह टेण्डर निजी लाभ को ध्यान में रखकर मंजूर किया गया था। अब नई विज्ञापन नीति के तहत नए टेंडर आमंत्रित किए जा रहे है। सिद्धू ने कहा कि धांधली तो इस हद तक रही है कि पिछले 15 साल में किसी शहरी निकाय का आडिट नहीं करवाया गया। पिछले दस साल में निगमों में सिर्फ अमृतसर का आडिट कराया गया था। अब आडिट भी कराया जाएगा। सिद्धू ने बस शेल्टरों के निर्माण में भी धांधली का मुद्दा उठाया और कहा कि जहां एक बस शेल्टर 250 वर्ग फीट का होता है उसे 500 फीट कर दिया गया।