script

पाकिस्तान सेना प्रमुख ने श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर साहिब खोलने की बात कही और मैं भावुक हो गया-सिद्धू

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Aug 21, 2018 06:38:14 pm

सिद्धू ने पाकिस्तान सेना प्रमुख के गले लगने को मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिदंर सिंह द्वारा गलत बताए जाने पर कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है, तो जरूरी नहीं कि मैं इसके जवाब में कुछ कहूं…

(चंडीगढ): पंजाब के शहरी निकाय और पर्यटन मंत्री नवजोत सिद्धू ने पाकिस्तान में वहां के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से गले लगने के मुद्ये पर सफाई दी। सिद्धू ने कहा कि जनरल बाजवा बचानक आए और मुझसे कहा कि हम गुरूनानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर के लिए रास्ता खोल देंगे। इस बात पर मैं भावुक हो गया और उनके गले लग गया। सिद्धू ने कहा कि वह एक मानवीय क्षण था। क्या जब वो सदभावना में करतारपुर साहिब खोलने की बात कर रहे थे, तो मैं पीठ करके खड़ा हो जाता। सिद्धू ने कहा कि मैं भावुक हो गया और उनके गले लग गया। पाक सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि आप बहादुर हैं। सिद्धू ने कहा कि सिख श्रद्धालु सालों से पहले पातशाह गुरूनानक देव के उस तीर्थ को जाने के लिए तरस रहे हैं, जहां उन्होंने अपने जीवन के अंतिम सत्रह साल बिताए थे। श्रद्धालु तो करतारपुर साहिब की मिट्टी को माथे पर लगाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रसंग पर मेरा भावुक होना स्वाभाविक था।

 

सिद्धू ने पाकिस्तान सेना प्रमुख के गले लगने को मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिदंर सिंह द्वारा गलत बताए जाने पर कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है, तो जरूरी नहीं कि मैं इसके जवाब में कुछ कहूं। उन्होंने कहा कि समूचे देश में इस मुद्दे पर दो पक्ष बन गए हैं। कुछ उनकी पाकिस्तान यात्रा और पाकिस्तान सेना प्रमुख के गले लगने को सही बता रहे हैं, तो कुछ गलत बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक पाकिस्तान यात्रा का सवाल है, यह जनता से जनता का सम्पर्क है। मैं वहां निजी तौर पर एक मित्र के आमंत्रण पर गया था। हालांकि देश के प्रधानमंत्री पद पर रहते अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पाकिस्तान गए हैं। वाजपेयी के जाने के बाद करगिल संघर्ष हुआ और इसके बाद भी वाजपेयी ने पाकिस्तान के तत्कालीन सैनिक शासक जनरल मुशर्रफ को शिखर वार्ता के लिए आमंत्रित किया। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के राष्ट्रपति मसूद खान के बगल में बैठने के मुद्दे पर सिद्धू ने कहा कि उन्हें पहली पंक्ति में प्रोटोकाॅल के तहत बैठाया गया था। उन्हें नहीं मालूम था कि उन्हें किसके साथ बैठाया जा रहा है।

 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मुझे दो दिन की यात्रा में बेहद प्यार मिला। मैं वहां सदभावना का दूत बनकर पहुंचा। मुझे उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच सौहार्द बहाल होगा। उन्होंने कहा कि खूनखराबे में कुछ नहीं मिलना है। समृद्धि के लिए शांति और सौहार्द का रास्ता जरूरी है।

ट्रेंडिंग वीडियो