अमरिंदर सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एसआईटी जांच की प्रगति रोजाना देखना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जब यह घटनाक्रम गुजरा तो दूसरे दिन ही वे पीडितों से मिले थे और अपनी सरकार बनने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जस्टिस-रिटायर्ड जोरा सिंह कमीशन का गठन किया था लेकिन इस कमीशन ने सभी मुद््दों पर विचार नहीं किया था। इसलिए उनकी सरकार ने रणजीत सिंह कमीशन का गठन किया था। रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट के मद्येनजर मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।
एसआईटी दोषी पाये जाने वाले को अदालत ले जायेगी। एसआईटी की जांच में उनका कोई दखल नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस फायरिंग में मारे गए सिखों के परिजनों को कमीशन की पचास लाख रूपए मदद देने की सिफारिश के मुकाबले सरकार ने एक‘-एक करोड रूपए की मदद दी है। साथ ही शारीरिक रूप से स्थायी अपंग हुए एक घायल को संभालने वाले को वेतन की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 886 शिक्षकों के नियमन का मामला नहीं है बल्कि 40 हजार कर्मचारी नियमित किए जाने है। शिक्षक नियमन पर 15 हजार रूपए प्रतिमाह ग्रेड पे का विरोध कर रहे है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कोई सहमति का फाॅर्मूला सरकार लायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी एक-दो दिन में वे इजराइल की यात्रा पर जायेंगे और इससे पहले वे इन महत्व के मुद्यों पर स्थिति स्पष्ट करना चाहते थे।