खतरे का निशान पार सुखना झील का जलस्तर 1163 फुट पर स्थिर रखा जाता है। शनिवार रात करीब 8 बजे शुरू हुई तेज बारिश सुबह 4 बजे तक भी जारी रही। ऐसे में सुखना झील का जलस्तर करीब डेढ़ फुट तक बढ़ गया। त़ड़के करीब तीन बजे जब सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान को पार गया तो पानी बाहर निकालने के लिए गेट खोलने पड़े।
पुलिस चौकी पानी में डूबी सुखना झील से छोड़े गए इस पानी की मार चंडीगढ़ व पंचकूला से सटे बलटाना पर पड़ी। हालांकि बलटाना का रिहायशी इलाका ऊंचाई पर है लेकिन बलटाना पुलिस चौकी यहां से निकलने वाले बरसानी नाले के पास निचले इलाके में है। सुखना लेक से जब पानी छोड़ा गया तो बरसाती नाला भी ओवर फ्लो हो गया। पुलिस चौकी इसकी चपेट में आ गई। उस समय चौकी में पुलिस कर्मी सो रहे थे। चौकी में अचानक पानी भरने की आवाज सुनकर उनकी नींद खुली तो नजारा देख उनके होश उड़ गए। देखते ही देखते पूरी चौकी पानी में डूब गई। पुलिस कर्मियों ने मुश्किल से निकलकर अपनी जान बचाई।