खैहरा ने दलबदल निरोधक कानून में संशोधन की मांग भी की और कहा कि किसी भी दल के दो तिहाई सदस्य ही दल बदल सकते है। व्यक्ति को दल बदलने की आजादी नहीं है। यह अलोकतांत्रिक व्यवस्था है। कांग्रेस और भाजपा ने ये प्रावधान किए थे और आम आदमी पार्टी इस पर चल रही है। इससे पार्टी अध्यक्ष तानाशाह या आपके बादशाह की तरह हो गए है। इस पर राष्ट्रीय बहस होनी चाहिए।
खैहरा ने कहा कि विधानसभा में उनकी सदस्यता के बारे में उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का इंतजार है। वे अब किसी भी चुनाव को लडने के लिए तैयार है। उप चुनाव की संभावनाओं के बारे में खैहरा ने कहा कि वे और उनके समर्थक विधायक उपचुनाव के खर्च का बोझ प्रदेश पर नहीं डालना चाहते है।
खैहरा ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी के सांसद भगवन्त मान ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के लिए बागी अकाली नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा से मुलाकात की थी। खैहरा ने कहा कि पहले आम आदमी पार्टी को अकाली नेता विक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने के मामले में अपना दाग तो धो लेना चाहिए। किसान नेताओं के घरों पर छापों के लिए खैहरा ने कैप्टेन अमरिंदर सरकार की आलोचना भी की और कहा कि गन्ना किसानों को ब्याज के साथ मुआवजा दिया जाए। टॉल प्लाजा हटाने की मांग करते हुए खैहरा ने कहा कि संगरूर-भटिंडा एवं मानसा-भटिंडा राजमार्गों पर बने टॉल प्लाजा पर धरना दिया जाएगा।