उन्होंने बताया कि अब मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ भी वार्ता होगी। इसके बाद तय किया जाएगा कि आगे क्या रूख अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से प्रस्तावित कमेटी की जरूरत सिर्फ कानूनी पहलुओं पर विचार के लिए जरूरत है। सर्व शिक्षा अभियान अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के 8886 शिक्षकों का पहले से दिया जा रहा वेतन बरकरार रखने पर सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं दिया गया। लेकिन इस बात पर जोर दिया गया हैं कि वेतन का मसला कमेटी के अधीन न लाया जाए।
पढो पंजाब अभियान के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम की समीक्षा पर भी चर्चा हुई। अभी यह पाठ्यक्रम परम्परागत पाठ्यक्रम के विपरीत होने के कारण विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के संघर्ष के चलते सरकार को मांगों पर विचार करना ही पडा है।