7 हजार शिकायतें आ चुकी हैं
प्रदेश के पुलिस अधीक्षकों व पुलिस आयुक्तों से शुरू होने वाला यह अभियान थाना प्रभारियों व चौकी प्रभारियों तक चलेगा। हरियाणा सरकार बहुत जल्द पुलिस के आला अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। गृहमंत्री अनिल विज ने गृह सचिव विजय वर्धन को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
गृह मंत्री के पास अभी तक पुलिस के खिलाफ 7000 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं। अधिकांश शिकायतों पर कार्रवाई के लिए वह पुलिस महानिदेशक को लिख चुके हैं। विज ने प्रदेश के सभी जिलों में लंबित पुलिस केसों की फाइल भी तलब की थी। इसके आधार पर उन 13 पुलिस अधीक्षकों व पुलिस आयुक्तों को कारण बताओ नोटिस दिए गए थे, जिनके जिलों में लंबित केसों की संख्या 1000 से अधिक थी।
नैतिकता का पाठ पढ़ेंगे पुलिसकर्मी
अधिकांश एसपी व पुलिस आयुक्तों के जवाब आ चुके हैं और उनका अध्ययन किया जा रहा है। विज ने अब गृह विभाग को एक ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है। जिसमें दूसरे राज्यों के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के अलावा पुलिस सुधार के क्षेत्र के काम कर चुके सेवानिवृत्त आईपीएस व अन्य अधिकारियों को भी बुलाया जाएगा। पुलिस अधीक्षकों व पुलिस आयुक्तों की ट्रेनिंग करवाने का फैसला इसलिए लिया है ताकि वे आम जनता के साथ बोलचाल और व्यवहार के तौर-तरीकों में सुधार करें। कई जिलों से आम लोगों की इस तरह की शिकायतें आई हैं कि पुलिस अधिकारी आम लोगों को मिलने का भी वक्त नहीं देते। पुलिस थानों और चौकियों में सुनवाई नहीं होने के बाद आम आदमी के पास एसपी और आईजी के पास ही जाने का चारा बचता है।
विशेषज्ञों से दिलाएंगे प्रशिक्षण
दिल्ली में विधानसभा चुनावों के बाद ही यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। गृह सचिव को इसकी तैयारियां करने और कार्यक्रम का विस्तृत प्रारुप बनाने को कहा जा चुका है। योजना केवल रेंज के आईजी व जिलों के एसपी की ट्रेनिंग तक नहीं रुकेगी। इसके बाद इसे पुलिस थानों-चौकियों और सीआईए थानों तक लेकर जाने की है। सरकार का मानना है कि अगर पुलिस थानों और चौकियों में ही समय रहते कार्रवाई हो तो क्राइम भी कम होगा और लोगों को पुलिस से शिकायत भी नहीं रहेगी। ऐसे में भविष्य में सभी जिलों या फिर रेंज स्तर पर थानों व चौकियों के प्रभारियों के भी ट्रेनिंग कार्यक्रम करने की योजना है।