यूं करते थे डाटा स्कैन
चंडीगढ पुलिस के पुलिस अधीक्षक रविकुमार सिंह ने बताया कि दोनों रोमानियाई की गिरफ्तारी के बाद मिली जानकारी के आधार पर कैनरा बैंक के सभी उपभोक्ताओं से अपने एटीएम कार्ड का पिन नम्बर बदलने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि दोनों रोमानियाई कार्ड क्लोनिगं नहीं बल्कि डाटा स्कैनिंग कर रहे थे। ये दोनों दो माह के पर्यटक वीसा पर पिछली तीन और सात जुलाई को दिल्ली पहुंचे थे। इसके बाद दो अगस्त को चंडीगढ पहुंचे थे। इन्होंने कैनरा बैंक के एटीएम में ही अपना डाटा स्कैनर डिवाइस लगाया क्योंकि कैनरा बैंक के पुराने माॅडल के एटीएम के की बोर्ड पर इस डिवाइस को लगाने की जगह होती है। इन लोगों का काम करने का तरीका यह है कि ये एटीएम के की बोर्ड पर डिवाइस लगाकर छोड देते है। बाद में दो-चार दिन में आकर डिवाइस निकालकर उसमें स्कैन किया गया डाटा इन्टरनेशनल मार्केट में बेच देते है। गिरफ्तार किए गए रोमानियाई हालांकि अपने डिवाइस में डाटा स्कैन नहीं कर पाए लेकिन वे इस डाटा को भारत में इस्तेमाल नहीं करना चाहते थे। डाटा का इस्तेमाल इन्टरनेशनल स्तर पर भी किया जा सकता है। इसलिए वे डाॅलर के लिए इनका इस्तेमाल करते।
उन्होंने बताया कि दोनो रोमानियाई चंडीगढ में होटल मेट्रो और होटल वेस्ट एंड में ठहरे थे। वे कैनरा बैंक के एटीएम में अपना डिवाइस लगाकर दिल्ली चले गए थे। दोनों को दिल्ली के वसंत विहार स्थित होटल वेस्ट एंड से गिरफ्तार किया गया। ये रोमानियाई हुलिया बदल-बदल कर अलग-अलग एटीएम में डिवाइस लगाते थे। हुलिया बदलने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इनके विग और कैप आदि सामान भी पुलिस ने बरामद किए हैं। इनके पासपोर्ट से पता चलता है कि ये भारत पहली बार आए हैं। उन्होंने बताया कि दोनों रोमानियाई की उम्र लगभग 35 वर्ष है। दिल्ली पुलिस ने पिछले मई माह में इसी तरह की गतिविधि में लिप्त अन्य रोमानियाई गिरफ्तार किए थे। देश में इस तरह की गतिविधियां करने वाली रोमानियाई गैंग सक्रिय है। केरल,कोलकाता व नेपाल सीमा से भी इसी तरह रोमानियाई गैंग के लोग गिरफ्तार किए गए हैं।