अप्रेल में 96.30 प्रतिशत तथा 21 मई तक 85 प्रतिशत वितरण किया है। तमिलनाडु सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि जिनके पास राशनकार्ड नहीं है उन्हें भी वितरण किया जाएगा। इसके लिए खाद्य निगम से चावल खरीद की गई है। 33176 मीट्रिक टन तुअर दाल की डिमांड की गई थी लेकिन 150 मीट्रिक टन ही इस प्रदेश को भेजा गया। शेष के लिए केंद्र सरकार को लिखा गया है। ताकि सभी कार्ड होल्डर्स को वितरण किया जा सके।
सीएमआर सब्सिडी के भी केंद्र सरकार से 2609 करोड़ रुपए बकाया है। यह बकाया राशि भी जल्द भेजी जाएं ताकि किसानों को राहत मिल सके। अप्रैल महीने में 415831प्रवासी मजदूरों को 15 किलो चावल एक किलो दाल व एक किलो तेल का वितरण किया गया। इसी तरह मई महीने में 466025 प्रवासी मजदूरों को यह राहत वितरण किया गया है।
प्रवासी मजदूरों के लिए करीब 56.50 करोड़ की राशि का यह वितरण किया गया। अभी 400782 मजदूरों की पहचान जिला कलक्टर के माध्यम से की गई है। केंद्र सरकार ने 35732 मीट्रिक टन चावल दिए जिन्हे प्रति परिवार पांच किलो चावल व एक किलो चना दाल वितरित किया है। यह वितरण मई व जून के लिए किया गया। तमिलनाडु सरकार ने 4300 मीट्रिक टन चावल इस योजना के तहत दिए है। नैफ्ड की ओर से चना दाल अब तक नहीं मिली है। 20 मई तक 96 विशेष रेल के माध्यम से 132042 प्रवासी मजदूरों को उनके गृह क्षेत्र भेजा है। तमिलनाडु सरकार ने एक देश एक राशनकार्ड को लेकर सरकारी अधिसूचना जारी की है।
इसके लिए केंद्र से एमओयू किया है। बायोमैट्रिक के लिए प्रक्रिया प्रारम्भिक चरण में है। सितम्बर तक एक देश एक राशनकार्ड की प्रक्रिया पूरी तरह अमल में आ जाएगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान खाद्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दयानंद कटारिया, तमिलनाडु नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रबंध निदेशक एम सुधादेवी नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता सुरक्षा विभाग के आयुक्त सजनसीह आर चवान, खाद्य विभाग की उप सचिव एस वलरमति श्रम आयुक्त डॉ आर नन्दगोपाल ने हिस्सा लिया।