जून महीने में एआईएडीएमके सरकार ने सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को यह सौगात देते हुए एक अध्यादेश जारी किया था। अध्यादेश जारी होने के छह महीने के भीतर इसे विधेयक रूप में विधानसभा में पेश करना होता है।
मुख्यमंत्री पलनीस्वामी ने इस औपचारिकता को पूरा करते हुए मौजूदा आरक्षण व्यवस्था के भीतर नीट पास सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज में दस प्रतिशत का आरक्षण देने की व्यवस्था की। पलनीस्वामी ने बिल पेश करते हुए कहा कि इसके जरिए मेडिकल की पढ़ाई में तमिलनाडु के विद्यार्थियों को प्राथमिकता मिलेगी।
भीतरी आरक्षण की यह व्यवस्था मौजूदा अकादमिक सत्र से लागू हो जाएगी। कलैअरसन समिति ने सिफारिश थी कि एमबीबीएस दाखिले में सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को आरक्षण दिया जा सकता है। उस अनुशंसा के आधार पर सरकार ने यह निर्णय किया है।