छियालीस वर्षीया आनंदवल्ली की कहानी दमित वर्ग के महिला की उत्थान की गाथा है। अनुसूचित जाति की आनंदवल्ली को माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने हालिया संपन्न पंचायत चुनाव में टिकट दी थी। उनका नाम पातनापुरम खंड पंचायत के सरपंच पद के लिए प्रस्तावित था। खंड पंचायत की १३ में से माकपा नीत एलडीएफ को ७ सीटें मिलीं। जबकि आनंदवल्ली ने तलावुर वार्ड से आसानी से चुनाव जीता। फिर वे एलडीएफ की नेता चुनी गईं तथा दलित महिला के लिए आरक्षित सरपंच पद पर उनके काबिज होने का रास्ता साफ हो गया।