एयरपोर्ट के फेज-२ का काम पूरा होने के बाद से अधिक एयरक्राफ्ट हैंडल करने में सुविधा होगी। इससे एयरपोर्ट की क्षमता ४५० से बढ़कर ५०० हो जाएगी। रैपिड एक्जिट टैक्सीवे नहीं होने की वजह से एरक्राफ्ट को रनवे खाली करने में १० मिनट से ज्यादा समय लग जाता है। वहीं दूसरे रनवे पर उतरने से प्लेन को टर्मिनल तक पहुंचने में मुख्य रनवे क्रॉस करना पड़ता है। रैपिड एक्जिट रनवे का काम ५० प्रतिशत हो चुका है बाकी का काम इस साल के अंत तक या फिर अगले साल तक होने की संभावना है। मेन रनवे पर रैपिड एक्जिट सुविधा नहीं होने से एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को एयरक्राफ्ट के बीच ज्यादा जगह देनी पड़ती है।
एयरपोर्ट अथॉरिटि ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मंगलवार और शनिवार को मेन रनवे मरम्मत के लिए बंद रहता है। महानगर का दूसरा एयरपोर्ट बनने में देरी होने से हम यहां से सुविधा विस्तार करने में लगे हुए हैं ताकि यात्रियों को सुविधा हो सके। आने वाले सालों में हमारा लक्ष्य है कि हम प्रतिवर्ष ३०० लाख सवारियों को सेवा दे सकें।