अधिकारियों ने बताया कि घोटाले में शामिल 101 एजेंटों या दलालों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि कृषि योजनाओं से जुड़े 100 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
तमिलनाडु में करोड़ों का घोटाला: 5 लाख गैर-किसानों में बांट दिए 110 करोड़ रुपए
निलंबित अधिकारियों में कृषि विभाग के सहायक निदेशक शामिल हैं। शुरुआती अनुमानों से पता चला कि इतनी राशि से लगभग 5.5 लाख लोग लाभान्वित हो सकते थे। बताया जा रहा है कि कोविड-19 लॉकडाउन शुरू होने के बाद निकासी मानदंडों में दी गई ढील का फायदा उठाकर ये फर्जीवाड़ा किया गया है।
ज्यादातर पैसे कल्लाकुरिची, विल्लुपुरम, कड्लूर, तिरुवण्णामलै, वेलूर, रानीपेट, सेलम, धर्मपुरी, कृष्णगिरि और चेंगलपेट जिले में निकाले गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, जो लोग अवैध रूप से लाभार्थियों की सूची में जोड़े गए थे, वे कथित रूप से इस धोखाधड़ी से अनजान थे। उन्होंने बताया कि कुछ लोग खुद को अधिकारी बताते हुए उनसे उनकी पूरी डिटेल ले गए और कहा कि सरकार इसके जरिए उन्हें ‘कोरोना कैश’ देगी।