आर्थिक संकट से बचने के लिए अब तक 75 श्रीलंकाई तमिल भारत आ चुके हैं। सोमवार की सुबह श्रीलंका के जाफना शहर से फाइबर बोट पर रात के समय निकलकर जत्था तमिलनाडु पहुंचा। रामेश्वरम मरीन पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें मंडपम थाने ले गई।
समूह ने कहा कि श्रीलंका में चावल, दाल, गेहूं जैसे खाद्य पदार्थों की कीमत तेजी से बढ़ी है। सरकारी अस्पतालों में भी दवा की कमी है। निजी अस्पतालों में लोगों को सिर्फ बुखार के इलाज के लिए 4000 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। जाफना के रहने वाले योगन ने कहा कि चावल की कीमत 300 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है।
एक किलो हरी मिर्च की कीमत 1000 रुपए है और चार लोगों के परिवार को दिन में दो बार खिलाने के लिए आपको 3000 रुपए की आवश्यकता होगी। हमें प्रतिदिन 1000 रुपए का भुगतान मिलता है और हम अब उस स्थिति में खुद को बनाए नहीं रख सकते। अपने बच्चों को भूखा नहीं देख पा रहे, हमने समुद्र पार करने का फैसला किया। एक अन्य व्यक्ति गुहान ने कहा, तमिलनाडु पहुंचने के लिए प्रति व्यक्ति 20000 रुपए खर्च किए। प्रारंभिक पूछताछ के बाद मंडपम पुलिस ने उन्हें मंडपम शरणार्थी शिविर में रहने के लिए जगह प्रदान की।