मुख्य आरोपी से सीआईडी ने पूरी की पूछताछ
पोल्लाची यौन उत्पीडऩ और भयादोहन मामले की जांच कर रही सीबी-सीआईडी ने मामले के मुख्य आरोपी के. थिरुनावुकारसु से पूछताछ पूरी ली। पूछताछ के लिए चार दिन की हिरासत खत्म होने पर जांच एजेंसी ने सोमवार को आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में केंद्रीय जेल भेज दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी ने पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी से शिकायत दर्ज कराने वाली पीडि़ता के बयान, आरोपियों के मोबाइल फोन, पेन ड्राइव तथा थिरुनावुकारसु के घर से बरामद स्टोरेज डिवाइस से मिले वीडियो को लेकर पूछताछ की। अधिकारियों ने कहा कि पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर आगे जांच की जाएगी।
सोमवार को हिरासत अवधि खत्म होने से पहले ही सीबी-सीआईडी ने आरोपी थिरुनावुकारसु को जिला व मुख्य न्यायायिक दंडाधिकारी एस नागराजन के आवास पर पेश किया। अदालत ने आरोपी को जेल भेज दिया। शुक्रवार को अदालत ने पूछताछ केे लिए आरोपी को चार दिन की सीबी-सीआईडी की हिरासत में भेज दिया था। शुक्रवार को मुख्य आरोपी के हिरासत में लेने को लेकर सीबी-सीआईडी की ओर से अर्जी दाखिल किए जाने के बाद अदालत परिसर में जुटी भीड़ के कारण पुलिस थिरुनावुकारसु को पेश नहीं कर पाई थी। बाद में अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई की और आरोपी को सीबी-सीआईडी की हिरासत में दे दिया था। इस मामले के बाकी तीन आरोपी भी जेल में बंद हैं। राज्य सरकार मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश कर चुकी है लेकिन केंद्र सरकार से अभी इसके लिए हरी झंडी नहीं मिली है। सीबीआई के जांच शुरू करने तक सीबी-सीआईडी मामले की जांच करेगी।
इस मामले की शुरूआती कोयम्बत्तूर पुलिस कर रही थी लेकिन शुरूआती दौर में पुलिस की कथित उदासीनता और पीडि़ता की पहचान उजागर करने के बाद हुए विवाद के कारण सरकार ने पहले मामले की जांच सीबी-सीआईडी और फिर सीबीआई को सौंपने की घोषणा की थी। सीबीआई को जांच सौंपने के लिए जारी शासनादेश में भी पीडि़ता और उसके परिवार के सदस्यों की पहचान उजागर होने के कारण मद्रास उच्च न्यायाल की मदुरै पीठ ने सरकार को पिछले सप्ताह फटकार भी लगाई थी।
अदालत ने सरकार को पीडि़ता का नाम हटाकर दुबारा शासनादेश जारी करने, पहचान उजागर करने के लिए पीडि़ता को २५ लाख रुपए का मुआवजा देने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे।
इसके बाद से विभिन्न संगठन पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पिछले सप्ताह राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने भी कहा था कि अदालत के आदेश के मुताबिक राज्य सरकार पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।