scriptकिले में खुदाई में मिली 17वीं सदी की तोप | 17th Century Craft in the Fort | Patrika News

किले में खुदाई में मिली 17वीं सदी की तोप

locationचेन्नईPublished: Jun 26, 2018 10:25:40 pm

शहर के ऐतिहासिक किले में स्थित जलगण्डेश्वर शिवमंदिर के निकट चार दिन पूर्व भवन निर्माण के लिए खुदाई कर रहे मजदूरों को…

17th Century Craft in the Fort

17th Century Craft in the Fort

वेलूर।शहर के ऐतिहासिक किले में स्थित जलगण्डेश्वर शिवमंदिर के निकट चार दिन पूर्व भवन निर्माण के लिए खुदाई कर रहे मजदूरों को काफी पुरानी तोप मिली। इस बारे में तुरंत कलक्टे्रट एवं पुरातत्व अधिकारियों को सूचित किया गया। सूचना मिलते ही मौके पर पुरातत्व विभाग के अधिकारी पहुंचे व निरीक्षण किया। इसके बाद उनको संदेह हुआ कि हो सकता है तोप में बारूद का गोला हो इसलिए चेन्नई में संबधित अधिकारी को इसकी जानकारी दी गई।

शनिवार को पुरातत्व विभाग के अधिकारी वेट्रीसेल्वी व अन्य जांचकर्मी किला पहुंचे जिन्होंने तोप की जांच पड़ताल करने के बाद बताया कि 17वीं से 18वीं सदी के बीच की यह तोप ईस्ट इंडिया कम्पनी की है। इसमें बारूद का गोला नहीं है। इसके वजन व लम्बाई वगैरह की जांच बाहर निकालने के बाद की जायेगी। इस अवसर पर जिला पुरातत्व विभाग के अधिकारी ईश्वरण भी उपस्थित थे।

कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के गठन का किया स्वागत

अम्मा (जयललिता) सरकार और राज्य के किसानों के लिए एक बड़ी जीत बताया

राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीएमए) के गठन का स्वागत करते हुए अम्मा (जयललिता) सरकार और राज्य के किसानों के लिए एक बड़ी जीत करार दिया है।
मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी ने खुशी जताई और कावेरी विवाद पर सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के विभिन्न प्रयासों को याद किया। उन्होंने इस मुद्दे पर पार्टी की दिवंगत सुप्रीमो जे. जयललिता के वर्ष 1990 के उपवास का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा एआईएडीएमके सरकार के निरंतर प्रयासों और कानूनी लड़ाई के बाद सीएमए का गठन हुआ है। केंद्र ने केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुदुुचेरी राज्यों से जुड़़े जल विवाद को सुलझाने के लिए उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के अनुपालन के तहत कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकारण का गठन किया था।

पलनीस्वामी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, यह अम्मा सरकार और तमिलनाडु के किसानों की बड़ी जीत है। तमिलनाडु और किसानों की आजीविका के अधिकारों को फिर से हासिल कर लिया गया है।
पलनीस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 26 मई को लिखे पत्र में कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और कावेरी जल नियमन समिति को मानसून शुरू होने से पहले केंद्र के गजट में अधिसूचित करने की मांग की थी। जल संसाधन मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि प्राधिकरण का नेतृत्व प्रमुख द्वारा किया जाएगा और इसके दो पूर्णकालिक और दो ही अंशकालिक सदस्य होंगे। केंद्र द्वारा पूर्णकालिक सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी जबकि दो अन्य उसके द्वारा मनोनीत किए जाएंगे।

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