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चेन्नई में 20 कैंसर पीडि़तों ने कोरोना वायरस को दी मात, चुनौतीपूर्ण था इलाज

locationचेन्नईPublished: May 17, 2020 07:36:52 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

सात मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि दो की मौत हो चुकी है।

cancer

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चेन्नई.

कैंसर को सबसे घातक बीमारियों में से एक माना जाता है और जब कोरोना वायरस एक कैंसर रोगी को संक्रमित करता है, तो निश्चित रूप से यह अधिक घातक बन जाता है। इस बीच चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में 20 कैंसर रोगियों ने कोरोना वायरस को मात दे दी है। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि 29 कैंसर रोगियों (कैंसर के विभिन्न प्रकार और चरणों) को कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। इसमें से 20 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। इसमें से सात मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि दो की मौत हो चुकी है।

इलाज करना चुनौतीपूर्ण
राजीव गांधी सरकारी अस्पताल की डीन जयंती रंगराजन ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित एक स्वस्थ व्यक्ति का इलाज करना बड़ी चुनौती नहीं है, लेकिन जब कोई व्यक्ति पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त होता है और साथ में वह कोरोना पॉजिटिव भी होता है, तो उसका इलाज करना और चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

प्रतिरक्षा स्तर कम
उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यक्ति पहले से ही मनोवैज्ञानिक चुनौती से गुजर रहे होते थे। इसलिए इनके उपचार में जटिलताएं अधिक होती हैं। इसके अलावा कैंसर से पीडि़त व्यक्तियों का प्रतिरक्षा स्तर कम होता है और इसलिए इनमें कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टरों ने कैंसर रोगियों के सामने आने वाले मुद्दों पर कोविड-19 टीम को सलाह दी।

कम उम्र का कैंसर रोगी
उन्होंने बताया कि कैंसर रोगियों के लिए विशेष आहार तैयार किया गया था, जो कैलोरी और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा थी। मुंह या गले के कैंसर से पीडि़त लोगों के लिए भोजन इस तरह से बनाया गया था कि रोगियों के लिए उपभोग करना आसान हो। रगराजन के अनुसार सबसे कम उम्र का कैंसर रोगी एक 13 साल की लडक़ी थी और सबसे बुजुर्ग एक 73 वर्षीय पुरुष था।

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