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पलनीस्वामी व एमके स्टालिन समेत 3998 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कल

locationचेन्नईPublished: May 01, 2021 04:25:51 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

– तमिलनाडु में दस साल बाद क्या होगा सत्ता परिवत्र्तन

2021 Tamil Nadu Legislative Assembly election result

2021 Tamil Nadu Legislative Assembly election result

चेन्नई.

तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के नतीजे कल (रविवार को) आ जाएंगे। इससे पहले एक बार फिर ये चर्चा जोर पकड़ रही है कि तमिलनाडु में अबकी बार किसकी सरकार बनेगी। क्योंकि इस दक्षिणी राज्य में 1980 के दशक से लगातार एक बार द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम तो एक बार आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम की सरकार रही है। हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन होता रहा है लेकिन पिछले दस साल से एआईएडीएमके सत्ता पर काबिज है।

2 मई यानी कल (रविवार को) मतगणना में कुल 3998 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। यह 234 सफल उम्मीदवारों के लिए उत्सव का दिन होगा, जबकि हारने वाले उम्मीदवारों के लिए निराशा का दिन होगा। भारत के चुनाव आयोग के अनुसार, 6.29 करोड़ मतदाताओं में से 72.81 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। 234 विधानसभा सीट वाले तमिलनाडु में बीते 6 अप्रैल को एक चरण में वोटिंग हुई थी। यहां मुख्य मुकाबला एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन और कांग्रेस-डीएमके गठबंधन के बीच है।

लोकसभा सीट के भी नतीजे
विधानसभा चुनाव परिणामों के अलावा, कन्याकुमारी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए उपचुनाव के परिणाम भी कल आएंगे। उपचुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के पोन राधाकृष्णन और कांग्रेस के उम्मीदवार विजय वसंत के बीच टक्कर देखने को मिल सकती है। वहीं विधानसभा चुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ एआईएडीएमके सरकार और मुख्य विपक्षी एमके स्टालिन की अगुवाई वाली डीएमके के लिए काफी महत्वपूर्ण है। डीएमके करीब 10 साल से सत्ता से बाहर है। कल ईवीएम से वास्तविक चुनाव नतीजे भी सबके सामने आ जाएंगे।

आठ बजे से मतगणना शुरू
मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होगी, दोपहर तक रूझान आ जाएंगे कि तमिलनाडु में सत्ता किस करवट बैठेगा। सुरक्षा के लिए राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती के साथ राज्य में 75 केंद्रों पर वोटों की गिनती होगी। मतगणना की वीडियोग्राफी भी होगी। प्रत्येक मतदान केन्द्र पर पूरी सुरक्षा होगी।

दो दिग्गजों के अनुपस्थिति में पहला चुनाव
राज्य में करुणानिधि और जयललिता की अनुपस्थिति में ये पहला चुनाव है। इसलिए इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है क्योंकि इस बार जंग करुणानिधि के उत्तराधिकारियों और जयललिता की विरासत पर दावा करने वाले लोगों के बीच है। कांग्रेस और भाजपा यहां की राजनीति पर ज्यादा पकड़ नहीं रखती हैं। वर्चस्व केवल द्रमुक और अन्नाद्रमुक का है। देखते हैं इतिहास की कसौटी पर क्या कहती है राजनीति।

2016 में क्या था नतीजा
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें कि इसमें जयललिता के नेतृत्व में एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन ने जीत हासिल की थी लेकिन दिसंबर 2016 में जयललिता का निधन हो गया। इसके बाद ओ पनीरसेल्वम राज्य के सीएम बने। कुछ ही दिनों बाद उन्होंने अपना पद छोड़ दिया। इसके बाद 16 दिसंबर 2017 को ईके पलानीस्वामी तमिलनाडु के सीएम बने। पलानीस्वामी के नेतृत्व में ही बीजेपी-एआईएडीएमके गठबंधन ने यह चुनाव लड़ा है।


वहीं पड़ोसी पुदुचेरी में केवल 10 लाख से अधिक मतदाता हैं। यहां 30 सदस्यीय विधानसभा के लिए लड़ाई कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बीच है।

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