14500 कूड़ापात्र लगाए
निगम ने सफाई के लिहाज से उत्सव पूर्व तैयारी कर ली थी और आयोजन स्थलों के आस-पास १४५०० कूड़ापात्र स्थापित कर दिए थे। इनमें गीले व सूखे कचरे के संग्रहण के अलग-अलग पात्र थे। आयोजकों को स्पष्ट निर्देश था कि वे इन कूड़ेदानों का इस्तेमाल निश्चित कराएंगे जो कारगर साबित हुआ।गे्रटर चेन्नई कार्पोरेशन आयुक्त डी. कार्तिकेयन ने बताया कि गणेश मूर्ति विसर्जन के तत्काल बाद ही सफाई अभियान युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया था। इस कार्य में अतिरिक्त संख्या में कर्मचारी लगाए गए। समुद्र या नदी में मूर्ति विसर्जन के बाद अवशेष पानी के साथ बाहर आ जाते हैं इनका संग्रहण ही सबसे बड़ा कार्य था।
तंग गलियां बड़ी चुनौती
निगम के एक अन्य अधिकारी षणमुगम ने बताया कि त्यौहार के बाद कचरा उठाना सबसे बड़ी चुनौती थी। आयोजन स्थलों व पंडाल के आस-पास के कचरापात्रों से कूड़ा हटाना पहली प्राथमिकता थी लेकिन तंग गलियां परेशानी का सबब बनी। इन गलियों के लिए अलग वाहनों की व्यवस्था की गई थी। गणेश पूजा के दौरान ही साफ-सफाई को लेकर विशेष टीमों का गठन किया गया था। इन टीमों ने प्रमुख चौराहों सहित विभिन्न मार्गों पर सफाई व्यवस्था संभाली। कहीं से कोई शिकायत आने पर उस इलाके में तैनात टीम को तत्काल सूचित किया जाता जो त्वरित कार्यवाही करती। निगम ने गणेश चतुर्थी से पहले सभी जोन में स्वच्छता के प्रति जागृति लाने का अभियान चलाया था, जिसका फायदा मिला।