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ओखी तूफान से प्रभावित 367 मछुआरों को बचाया

locationचेन्नईPublished: Dec 07, 2017 10:32:06 pm

तटीय सुरक्षा समूह ने मत्स्य पालन विभाग एवं मत्स्य पालन संघ के साथ संयुक्त कार्रवाई में ओखी चक्रवाती तूफान से प्रभावित 367 मछुआरों को बचाने का दावा किय

367 fishermen rescued by floods

367 fishermen rescued by floods

चेन्नई।तटीय सुरक्षा समूह ने मत्स्य पालन विभाग एवं मत्स्य पालन संघ के साथ संयुक्त कार्रवाई में ओखी चक्रवाती तूफान से प्रभावित 367 मछुआरों को बचाने का दावा किया है। इनमें तमिलनाडु के 234 मछुआरे शामिल हैं। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, लक्षद्वीप में 6 सीजी एयरक्राफ्ट एवं अन्य साधनों से लगातार खोज अभियान जारी है। एक दिन पहले ही 15 नावों में 184 मछुआरों को बचाया गया, वहीं तमिलनाडु में 13 नावों के साथ 162 मछुआरों को बचाया। उनको भोजन के पैकेट एवं प्राथमिक उपचार भी मुहैया करवाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उनको कवाराती सरकारी अस्पताल भेजा गया।

इसके साथ ही तमिलनाडु के 80 नावों के साथ 1198 मछुआरों को बचाकर विभिन्न स्थानों पर रहने की जगह उपलब्ध करवाई गई। कई द्वीपों पर उनको ठहराया गया। इसके साथ ही मछुआरों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया जिसके तहत मछुआरों की घर वापसी हो सकी। तमिलनाडु, केरल एवं अन्य तटीय इलाकों में लगातार बचाव एवं राहत कार्य चल रहा है। तूतीकोरिन बंदरगाह में चलाए गए अभियान में 7 मछुआरों को बचाया जा सका है।

ओखी चक्रवात को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए

मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै खण्डपीठ में ओखी चक्रवात को आपदा प्रबंधन कानून २००५ के तहत राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर हुई है। बदले में हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से इस पर जवाब मांगा है।

केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री के. जे. अल्फोंज ने रविवार को कहा था कि ओखी को राष्ट्रीय आपदा नहीं कहा जा सकता। इसके ठीक दो दिन बाद समम कुड़ीमक्कल के अध्यक्ष सी. जे. राजन ने यह अर्जी लगाई।

उनकी याचना थी कि केंद्र व राज्य सरकारों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के नियमों के तहत राहत व पुनर्वास कार्य पूरे करने के निर्देश दिए जाएं। याचिका जब जस्टिस एम. वेणुगोपाल के समक्ष पेश हुई। याची ने यह भी फरियाद लगाई कि केंद्र व राज्य सरकार चक्रवात पीडि़तों की पहचान करें और लापता मछुआरों के परिजनों को २५-२५ लाख रुपए की तथा घायलों को १०-१० लाख रुपए की वित्तीय मदद दी जाए।

याची ने आरोप लगाया कि सरकार ने समय रहते जनता को चक्रवात के बारे में अग्रिम चेतावनी नहीं दी। कोर्ट ने सरकारों को जवाबी नोटिस जारी करते हुए सुनवाई २० दिसम्बर के लिए टाल दी।


क्षतिग्रस्त घरों के मालिकों को दी जा रही राहत राशि: राज्य सरकार


तमिलनाडु सरकार ने बुधवार को बताया कि हाल ही में कन्याकुमारी जिले में आए ओखी चक्रवात की चपेट में आने से लगभग ४,५०१ घर आंशिक और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए है। जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से अब तक राहत राशि के रूप में ४१ लाख रुपए प्रदान किए जा चुके है। यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में राजस्व सचिव बी. चंद्रमोहन ने बताया १,६८७ घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि २,८१४ घरों का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है।

उन्होंने बताया कि राहत राशि के रूप में अब तक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त ३२५ घरों के मालिकों के बैंक खातों में ५ हजार और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए १००२ घरों के मालिकों के खातों में ४ हजार जमा कराया जा चुका हैं। इसी प्रकार से अन्य पीडि़तों के बैंक खातों की जांच की जा रही है।

प्रक्रिया पूरी होते ही एक दो दिन के भीतर उनके खातों में भी राहत राशि जमा करा दी जाएगी। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह कन्याकुमारी जिले में आए ओखी चक्रवात की वजह से वहां के लोगों का जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। वहीं रविवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्षतिग्रस्त इलाकों का दौरा कर सरकार द्वारा उठाए जा रहे राहत कार्यो की समीक्षा भी की थी।

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