दिवाली के दिन का आलम यह था कि केवल दो घंटे की आतिशबाजी के चलते महानगर से ४८००टन कचरा हटाना पड़ा। चेन्नई महानगर निगम द्वारा हटाए गए कचरे की यह मात्रा यह प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त है कि आतिशबाजी पर न्यायालय की पाबंदी और मानसूनी मौसम के बावजूद इस त्यौहार पर निकलने वाले कचरे में कोई कमी नहीं आई।
गौरतलब है कि पिछले साल की दिवाली के दौरान पटाखा फोडऩे के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं होने के बावजूद तीन दिनों तक चली आतिशबाजी में 5300 टन कचरा हटाया गया था जबकि इस बार मात्र 2 घंटे के पटाखेबाजी में 4800 टन कचरा इक_ा हो गया।
इसमें 65 टन कचरा केवल आतिशबाजी और पैकेजिंग सामान का था। इसमें से 9.04 टन कचरा बुधवार को हटाया गया। इस कचरे को हटाने के लिए 19 हजार सफाईकर्मियों को काम पर लगना पड़ा। पिछले साल
आतिशबाजी और पैकेजिंग सामान से ८० टन कचरा फैला था जिसे हटाने के लिए मात्र १६४५७ सफाई कर्मी लगाए गए थे।
जोन १३ में सबसे ज्यादा कचरा
महानगर निगम के सफाई अभियान से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष दिवाली के बाद जोन १३ (अडयार) से सबसे अधिक १०.८१ टन कचरा एवं जोन ८ (अण्णा नगर) से सबसे कम १.४४ टन कचरा उठाया गया। इसके अलावा इस साल जोन ७ (अंबत्तूर) से ७.३ टन कचरा हटाया गया। उल्लेखनीय है कि गतवर्ष जोन ७ (अंबत्तूर) से सबसे अधिक कचरा १२.६ टन और जोन ९ (तैनाम्पेट) से सबसे कम १.२ टन कचरा हटाया गया था।
२४ घंटे लगे रहे सफाई कर्मचारी
नगर निगम के सफाई अभियान में जुडे अधिकारी वीराप्पन ने बताया कि दिवाली पर फैले कचरे की सफाई के लिए सफाईकर्मियों ने चौबीसों घंटे काम किया। सफाई के काम को सही ढंग से निपटाने के लिए पांच से सात नवम्बर तक सफाई कर्मचारियों को तीन-तीन शिफ्ट में बांटकर सफाई अभियान चलाया गया।
उन्होंने बताया कि 5 नवंबर की सुबह से ही सफाई कर्मचारी पूरी मुश्तैदी के साथ अपने काम पर डटे हुए हैं। अलग-अलग इलाकों में फैले कर्मचारियों ने मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक में फैले कचरे की सफाई की। वे आम कचरा और आतिशबाजी से फैला कचरा अलग-अलग इक_ा कर रहे थे। सफाई कार्यों के निरीक्षण के लिए भी पर्यवेक्षकों की टीम तैनात की गई थी।
४५ छोटे व अन्य सैकड़ों वाहनों ने हटाया कचरा
शिवकुमार नामक एक अन्य अधिकारी ने बताया कि दिवाली में लोग अपने घर के सामने पटाखे फोडते हंै। ऐसे में तंग गलियों में लोगों के घरों के सामने फैले कचरे को हटाने में सबसे अधिक कठिनाई होती है।
तंग गलियों और सड़कों पर फैले कचरो को हटाने के लिए ४५ मिनी कॉम्पेक्ट वाहन सहित अलग-अलग तरह के सैकड़ो वाहनों को काम पर लगाया गया था। तंग गलियों के कचरापात्र से कचरा उठाने के लिए अलग वाहन की व्यवस्था की गई थी जबकि खुली सड़क पर रखे कचरापात्र से कचरा उठाने के लिए बड़े वाहनों को लगाया गया था।