चेन्नई कार्पोरेशन की बुलेटिन के अनुसार कुल संक्रमितों में 59.39 प्रतिशत पुरुष और 40.61 प्रतिशत महिलाएं हैं। तैनाम्पेट, अण्णा नगर और कोडम्बाक्कम क्षेत्रों में कोरोना के रोगियों की संख्या पहले ही 3,000 को पार कर चार हजार की तरफ बढ़ रही है।
चेन्नई में कोरोना पीडि़तों की कुल संख्या 3,28,520 है। इनमें से 2,92,511 ठीक हुए हैं। 4,701 लोग कोरोना की वजह से मारे जा चुके हैं। 31,308 लोगों का इलाज चल रहा है जो महानगर में अब तक के कुल संक्रमण का करीब दस प्रतिशत है।
चेन्नई के 15 जोन में से रायपुरम, तिरुविकानगर, अम्बत्तूर, अन्नानगर, तैनाम्पेट, कोडम्बाक्कम, वलसरवाक्कम और अडयार में कोरोना संक्रमण ज्यादा है। सबसे कम संक्रमण मनली जोन में है जहां 182 लोगों का इलाज चल रहा है।
निजी अस्पतालों को लेकर शासनादेश
स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन ने सरकार के शासनादेश की जानकारी दी कि सभी निजी अस्पतालों के 50 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे। शासनादेश के अनुसार कोविड की इस लहर में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं इसलिए मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरतें भी बढ़ेंगी।
तमिलनाडु नैदानिक प्रतिष्ठापन कानून के तहत कोविड उपचार के लिए अधिकृत 578 निजी अस्पतालों को अपनी बेड क्षमता का 50 प्रतिशत कोरोना मरीजों के लिए आवंटित करने का निर्देश दे दिया गया है। साथ ही भर्ती प्रक्रिया को भी सरल बनाने को कहा है।
सभी निजी अस्पतालों पर लागू
नए शासनादेश के तहत राज्य के सभी निजी अस्पतालों को कोरोना को राष्ट्रीय आपदा मानते हुए 50 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखने होंगे। निजी अस्पतालों को हिदायत दी जाती है कि वे मरीजों की भर्ती प्रक्रिया में निष्पक्षता बरतें। 50 फीसदी के आरक्षण का आशय अस्पताल की कुल बेड क्षमता से है जिसमें सामान्य, ऑक्सीजन और आइसीयू बेड भी शामिल होंगे।
नए शासनादेश के तहत राज्य के सभी निजी अस्पतालों को कोरोना को राष्ट्रीय आपदा मानते हुए 50 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखने होंगे। निजी अस्पतालों को हिदायत दी जाती है कि वे मरीजों की भर्ती प्रक्रिया में निष्पक्षता बरतें। 50 फीसदी के आरक्षण का आशय अस्पताल की कुल बेड क्षमता से है जिसमें सामान्य, ऑक्सीजन और आइसीयू बेड भी शामिल होंगे।