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हमले हुए, दस्तावेज छीने लेकिन अतिक्रमण हटाने की मुहिम से पीछे नहीं हटी

locationचेन्नईPublished: May 20, 2022 08:24:02 am

हमले हुए, दस्तावेज छीने लेकिन अतिक्रमण हटाने की मुहिम से पीछे नहीं हटी- 70 वर्षीय नल्लाम्बल की हिम्मत की मिसाल- बीस साल से झील से अतिक्रमण हटाने के लिए संघर्ष कर रही
Twenty years on, 70-year-old Perambalur woman continues fight to rid lake of encroachments

 Twenty years on, 70-year-old Perambalur woman continues fight to rid lake of encroachments

Twenty years on, 70-year-old Perambalur woman continues fight to rid lake of encroachments

पेरम्बलूर. कुन्नम तालुक के नन्नई गांव के 70 वर्षीय टी नल्लाम्बल के लिए यह एक अंतहीन संघर्ष है। वे पिछले 20 वर्षों से लगभग हर सोमवार को पेरम्बलुर कलक्ट्रेट आ रही है। ताकि वे अतिक्रमण से छुटकारा पा सकें और एक झील को फिर से जीवंत कर सकें। कभी यही झील अपने गांव के लिए पीने के पानी का एक प्रमुख स्रोत हुआ करती थी। खेतिहर मजदूर नल्लाम्बल के पति की 20 साल पहले मृत्यु हो गई। वे गांव में किराए के मकान में अकेली रहती है। उसके बच्चे नहीं हैं। मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में सभी अतिक्रमण ध्वस्त करने का आदेश दिया है। ऐसे में नल्लाम्बल में आशा की एक किरण दिखाई देती है।
उसने कहा, झील 7.8 एकड़ में फैली हुई थी। यह खराब रखरखाव के कारण वर्षों से सूख गई थी। लोगों ने जलाशय पर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया और दो एकड़ से अधिक में घर बनाए। मैंने मद्रास उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया। 2013 में अदालत ने अधिकारियों को अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया। झील की तलहटी पर जो 56 घर बने थे, उनमें से सिर्फ तीन घर गिराए गए। मैं अब तक पेरम्बलुर में चार कलक्टरों से मिल चुकी हूं और उनसे झील को पुनः प्राप्त करने का आग्रह किया है। लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि ज्यादातर लोग सरकारी कर्मचारी हैं।
नल्लाम्बल ने कहा कि कुछ लोग जो वर्तमान में जलाशय पर घर बना रहे हैं, उन्होंने उसे अपनी लड़ाई छोड़ने के लिए 20 लाख रुपए तक की पेशकश की, लेकिन उसने मना कर दिया। 2 मई को, अज्ञात लोगों ने मुझ पर हमला किया और कुछ दस्तावेज छीन लिए जो मुझे साबित करना था कि वहां एक जलाशय मौजूद था। अतिक्रमणकारियों ने अब मुझे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है। लेकिन मेरे पास अभी भी और प्रतियां हैं और क्षेत्र का एक पुराना नक्शा भी साबित हो रहा है।
तहसीलदार ने कहा झील पर कोई अतिक्रमण नहीं
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की जिला इकाई के सदस्य एन चेल्लादुरई ने कहा, यह सच है कि झील पर घर बनाए गए हैं। उसने मुझे दो बार समर्थन मांगने के लिए एक याचिका दी। हमने पेरम्बलुर शहर में दो बार प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अधिकारियों को रिश्वत देकर अतिक्रमणकारियों को पट्टा मिला है। कुन्नम तहसीलदार ए अनीता ने कहा, जिन लोगों ने मकान बनाए हैं, उन्हें 20 साल पहले पट्टा दिया गया था। उसके बाद झील पर कोई अतिक्रमण नहीं हुआ है।
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