देश में कोरोना वायरस की स्थिति अब धीरे-धीरे और भी ज्यादा चिंताजनक हो रही है। इस बीच कोरोना की तीसरी लहर को लेकर डॉक्टरों ने भी चेतावनी दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के लव अग्रवाल ने मंगलवार को बताया कि देश के आठ राज्यों में आर वैल्यू अब भी ज्यादा है जिसमें तमिलनाडु भी शामिल है। कोरोना की तीसरी लहर के सवाल पर लव अग्रवाल ने कहा कि मामले सीमित क्षेत्र से आ रहे हैं। गतिविधियां खोलने के बाद अगर कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ तो वहां कोविड के मामले बढ़ सकते हैं। दूसरी लहर ही हमें सबसे पहले मैनेज करनी है।
इन राज्यों में बढ़ रही है कोरोना की आर वैल्यू
लव अग्रवाल ने कहा, देश के 8 राज्यों में प्रजनन दर बढ़ रही हैं। इन राज्यों में हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप, तमिलनाडु, मिजोरम, कर्नाटक, पुदुुचेरी और केरल शामिल हैं। वहीं, नागालैंड, मेघालय, हरियाणा, गोवा, झारखंड, एनसीआर और पश्चिम बंगाल में प्रजनन दर स्थिर हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में प्रजनन दर कम हो रहा हैं। उन्होंने बताया कि देश के 18 जिलों में कोरोना के मामले ज्यादा आ रहे हैं, इनमें केरल के 10, महाराष्ट्र के 3, मणिपुर के 2, अरुणाचल, मेघालय और मिजोरम के 1-1 जिले शामिल हैं। देश के 57 जिलों में रोजाना 100 मामले आ रहे हैं।
आर वैल्यू 1 पार कर गई
इससे पहले संक्रमण फैलने के संदर्भ में चेन्नई इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस की ओर से की गई रिसर्च में सामने आया है कि वायरस एक बार फिर तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है। इंस्टीट्यूट की ओर से की गई रिसर्च के मुताबिक, भारत में सार्स-कोव-2 की प्रजनन दर यानी आर वैल्यू बीते 7 मई के बाद पहली बार एक को पार कर गई है। इंस्टीट्यूट ऑफ मैथेमेटिकल साइंस में कम्प्यूटेशनल जूलॉजी एंड थियोरेटिकल फिजिक्स के प्रोफेसर सीताभ्र सिन्हा के अनुसार, कोरोना वायरस की आर वैल्यू गत 27 जुलाई को 1 पार कर गई। यह 7 मई के बाद पहली बार हुआ है, जब आर वैल्यू 1 को पार कर गई।
क्या होती है कोरोना की ‘आर वैल्यू’
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति जितने लोगों को संक्रमित करता है, उसके ही ‘आर वैल्यू’ कहते हैं। यानी कोविड-19 से संक्रमित एक शख्स एक व्यक्ति को संक्रमित करता है तो आर वैल्यू 1 होगी और एक संक्रमित व्यक्ति से औसतन 2 लोगों में संक्रमण फैलता है तो वैल्यू दो होगी। इसी तरह 1 से कम का ‘आर’ वैल्यू से पता चलता है कि कम से कम एक अकेला रोगी औसतन एक से कम व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है। इसलिए डॉक्टर चाहते हैं कि महामारी के समय में ‘आर’ वैल्यू 1 से कम हो। ताकी यह सुनिश्चित हो कि वायरस अब बहुत कम फैल रहा है। पिछले हफ्ते स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी इस बात की पुष्टि की थी ‘आर वैल्यू’ 1 हो गया है।