scriptजन्मजात दृष्टिहीन को मिली एक आंख की रोशनी | A blind eye to the congenital vision | Patrika News

जन्मजात दृष्टिहीन को मिली एक आंख की रोशनी

locationचेन्नईPublished: Oct 13, 2017 04:19:03 am

डा. अग्रवाल आई हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने चार साल के कार्तिक के जीवन में दिवाली से पहले उजियारा ला दिया। कार्तिक जन्म से ही दायीं आंख से दृष्टिहीन है। डा

A blind eye to the congenital vision

A blind eye to the congenital vision

चेन्नई।डा. अग्रवाल आई हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने चार साल के कार्तिक के जीवन में दिवाली से पहले उजियारा ला दिया। कार्तिक जन्म से ही दायीं आंख से दृष्टिहीन है। डा. अग्रवाल आई हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने सर्जरी कर उसे दृष्टि प्रदान की। डॉक्टरों ने मोनोकुलर एलिवेशन डेफिशिंसी नामक तकनीक की मदद से सफल सर्जरी की। हॉस्पिटल के डॉक्टरों का दावा है कि विश्व में पहली बार मोनोकुलर एलिवेशन डेफिशिएंसी की मदद से सफल सर्जरी की गई।

अस्पताल की बाल चिकित्सा नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. मंजूला जयकुमार ने बताया कि कार्तिक जन्म से ही दायीं आंख से नहीं देख सकता था। सर्जरी के बाद वह अब सामान्य लोगों की तरह देख पा रहा है। कार्तिक की मां मीनाक्षी ने बताया कि जन्म के बाद से ही कार्तिक की दायीं आंख खराब थी। उसकी पलक नहीं झपकती थी और भेंगेपन की भी शिकायत थी। अब उसकी आंख उक्त दोनों शिकायतें दूर हो गई है।

हिन्दी का डेढ़ सौ साल में कैसे हुआ विकास और विस्तार पर संगोष्ठी

लाइफसेल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और राजस्थान पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में १२ अक्टूबर को हिन्दी पर संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। टी.नगर में बस टर्मिनस के पीछे स्थित स्थित शसुन जैन महिला महाविद्यालय में आयोजित इस संगोष्ठी का विषय होगा ‘कैसे हुआ गत डेढ़ सौ साल में हिंदी का विकास और विस्तार?’ साथ ही देश-विदेश में हिंदी की क्या स्थिति है? विषय पर भी वक्ता विचार व्यक्त करेंगे।

हिंदी माह के उपलक्ष्य में दोपहर १.३० बजे शुरू होने वाली इस संगोष्ठी की अध्यक्षता कॉलेज सचिव अभयकुमार श्रीश्रीमाल करेंगे। मुख्य अतिथि मशहूर नृत्यांगना सरस्वती होंगी। वे बहुभाषी होने और हिंदी की महत्ता का प्रतिपादन करेंगी। बीज वक्तव्य वरिष्ठ पत्रकार और व्यंग्यकार बी. एल. आच्छा देंगे जो देश-विदेश में हिंदी की अवस्था पर प्रकाश डालेंगे। गुरु नानक कॉलेज के हिंदी विभाग की अध्यक्ष स्वाति पालीवाल डेढ़ सौ साल हिंदी के विषय पर वक्तव्य देंगी। संगोष्ठी में कॉलेज की प्राचार्य डा. बी. पूर्णा भी हिस्सा लेंगी।

शसुन जैन कॉलेज की हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. हर्षलता शाह द्वारा संपादित पुस्तक ‘अंतिम तीन दशक के हिन्दी नाटक’ का विमोचन भी होगा। राजस्थान पत्रिका के जोनल प्रबंधक जोस पी. दक्षिण में हिंदी और राजस्थान पत्रिका की विकास यात्रा और सम्भावनाओं पर चर्चा करेंगे। संगोष्ठी में कॉलेज छात्राओं के अलावा समाज के गणमान्य नागरिक हिस्सा लेंगे। अधिक जानकारी के लिए शसुन कॉलेज की हिन्दी विभागाध्यक्ष डा. हर्षलता शाह से दूरभाष नं. ९३८०१११९३३ पर संपर्क किया जा सकता है।

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