दुर्लभ हार्ट ट्यूमर की सर्जरी कर रोगी को दी नई जिंदगी
साल में 20 मिलियन में करीब 1 मामला ऐसा सामने आता है।

चेन्नई.
यहां के वेंकटेश्वरा हास्पिटल के चिकित्सकों ने एक बहुत ही दुर्लभ जीवन पर जोखिम वाले हार्ट टयूमर का समय पर डायग्नोसिस कर सर्जरी से उसका कुशलतापूर्वक इलाज किया। इसके बाद 64 वर्षीय महिला रोगी स्वस्थ होकर घर लौटी। महिला कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हाइपरटेंशन, डायबिटीज की रोगी थी। महिला को सिरदर्द, अंग सुन्नता, कमजोरी एवं सांस लेने में कठिनाई के बाद हास्पिटल में भर्ती किया गया था। जांच करने पर इन्टर अटरियल सेप्टम से जुड़ा बड़ा एलए मिक्जोमा पाया गया। सर्जनों ने लेफ्ट अटरियल मिक्जोमा की इक्सीजन की सलाह दी। पांच जनवरी को उनकी सर्जरी की गई। अब वह अपनी दैनिक गतिविधि नियमित करने में सक्षम है। अलिंदी मायकोमा (आटरीयल माइक्जोमा) प्राथमिक हार्ट ट्यूमर होते हैं। इसका कोई विशेष लक्षण नहीं है। इस कारण समय रहते डायग्नोसिस चुनौती भरी होती है। साल में 20 मिलियन में करीब 1 मामला ऐसा सामने आता है। लेफ्ट आटरीयल माइक्जोमा आस्केल्टेशन पर विशेष फाइंडिग्स नहीं बताता। दो आयामी इकोकार्डियोग्राफी डायग्नोस्टिक मोडेलिटी है। यदि इसकी पहचान एवं इलाज नहीं किया गया तो ऐसे रोगियों की अचानक कार्डियाक अरेस्ट, मस्तिष्क संबंधी एम्बोलिज्म, स्ट्रोक एवं मौत हो सकती है। प्राइमरी कार्डियाक ट्यूमर का 50 प्रतिशत माइक्जोमा होता है। अधिकांश रोगी छिटपुट है, इसका सही इटियोलाजी ज्ञात नहीं है। अटरियल माइक्जोमा के लिए कोई चिकित्सकीय इलाज ज्ञात नहीं है। ड्रग थेरेपी का उपयोग स्ट्रोक, हार्ट फेल्यूर, कोन्जेस्टिव हार्ट फेल्यूर, कार्डियाक अतालता जैसी जटिलताओं के लिए किया जाता है। लंबी अवधि तक निदान के लिए आपरेटिव रिसेक्शन इसका इलाज है।
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