रविवार को सुबह 7.30 बजे से गाजे बाजे के साथ वरघोड़ा बारनबी रोड स्थित जीतो जेएटीएफ हॉस्टल से रवाना हुआ। वरघोड़े में वाहनों पर बैठे बच्चे एवं ढोल नगाड़ों व बैंड बाजे के बीच गुरु भगवंतों, साधु साध्वीवृन्द एक अनोखी छटा बिखेर रहे थे।
भक्ति गीत संगीत के बीच सुबह 9.30 बजे से अंजनशलाका चातुर्मास प्रवेश एवं धर्मसभा हुई जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। आचार्य तीर्थभद्र सूूरीश्वर ने प्रवचन में चातुर्मास के कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम के दौरान श्री मेघ-मिश्री पेढ़ी एवं श्री मेघ मिश्री आयंबिल शाला, श्री कमल-पारस प्रवचन सभागृह, श्री मेघ- जीवी आराधना हाल का उद्घाटन किया गया। संघ के चेयरमैन शंकरलाल चुन्नीलाल शाह, अध्यक्ष नरेंद्रकुमार मेघराज साकरिया, उपाध्यक्ष पदमचंद चौधरी, डा.ज्ञान जैन, खिमराज मिश्रीमल साकरिया, सचिव नरेंद्र कुमार श्रीश्रीमाल एवं पदाधिकारीगण, ट्रस्टीगण ने इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संघ के सचिव नरेंद्र कुमार श्रीश्रीमाल ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आज हमारा सपना साकार हुआ है। 2016 में इसकी शुरुआत के बाद भूमि पूजन एवं शिलान्यास हुआ। आज का दिन ऐतिहासिक है।
नवनिर्मित श्री एस.सी.शाह भवन एवं अन्य संकुल के उद्घाटन में सहयोग करने के लिए सभी ट्रस्टियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा यह चातुर्मास भव्य एवं ऐतिहासिक होगा।
इस दौरान चातुर्मास के तहत आयोजित होने वाले विभिन्न जप तप त्याग तपस्या के कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी गई।
संचालन संघवी मनोज राठौड़ ने किया। इन्दौर से आए गायकों ने भजनों की प्रस्तुति की। इससे पहले चढ़ावों की बोली लगाई गई। कार्यक्रम में चेन्नई के उपनगरों समेत दक्षिण भारत के कई अन्य नगरों से भक्तगण पहुंचे थे। कई संघों ने आचार्य से आगामी चातुर्मास तथा अन्य प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रमों के लिए विनती की। कार्यक्रम को सफल बनाने में कलापूर्ण आराधक मंडल के सदस्यों का अहम योगदान रहा। विविध कक्ष निर्माण, लिफ्ट, प्लेटिनम स्तम्भ, डायमंड स्तम्भ, स्वर्ण स्तम्भ, रजत स्तम्भ, कार्यक्रम के लाभार्थी परिवार का संघ की ओर से शाफा एवं माला पहनाकर सम्मान किया गया।