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स्वदेशी उत्पाद बेच बनेंगे आत्मनिर्भर

locationचेन्नईPublished: Aug 08, 2020 08:38:21 pm

आत्मनिर्भर भारत- देशी गाय के गोमूत्र व गोबर से बने- स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की मुहिम के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार

Aatma Nirbhar Bharat

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चेन्नई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के तहत अब लोग देशी गाय के गोमूत्र व गोबर से बने स्वदेशी उत्पाद बेच आत्मनिर्भर बनेंगे। इससे जहां स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा मिल सकेगा वहीं स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलने से उन्हें आमदनी हो सकेगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गोसेवा गतिविधि के तहत गाय के गोबर, गोमूत्र व दूध से देश के विभिन्न स्थानों पर करीब तीन सौ से अधिक प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं। धूपबत्ती, अगरबत्ती, पूजन सामग्री, हैण्डवाश, साबुन समेत कई उत्पादों की खासी मांग है। देश में कई जगह गोबर गैस के प्लांट स्थापित किए गए हैं। इन प्रोडक्ट की जांच के लिए बकायदा लैबोरेटरी की स्थापना भी की है ताकि लोगों तक सही प्रोडक्ट पहुंच सकें।
निर्माण व विपणन की दिशा में कदम
गोउत्पादों के जरिए कई बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है। पेट की बीमारियों भी गो उत्पादों से खत्म की जा सकती है। गोपालन के साथ ही गो उत्पादों के निर्माण व विपणन की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। गाय के गोबर से अलग-अलग तरह की खाद विकसित की गई है। गोमूत्र से कीट नियंत्रण का निर्माण किया है। देशी गो नस्लों व प्रजातियों के संरक्षण व संवद्र्धन के लिए मध्यप्रदेश में गो-अभ्यारण्य का निर्माण करवाया गया है। कई जेलों में गोशालाएं खोली गई है।
लोगों को झुकाव देशी गाय पालन की तरफ बढ़ेगा
आजादी के समय देश में करीब साठ करोड़ देशी गायें थी जो अब घटकर एक चौथाई रह गई है। ऐसे में देशी गाय के गोबर-गोमूत्र से बनी सामग्री के विपणन से लोगों को फिर से गो पालन की तरफ झुकाव भी बढ़ सकेगा। देश के कई ग्राम्यांचलों में गोचर भूमि पर अतिक्रमण हो चुके हैं। इन्हें अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में भी काम हो रहा है ताकि अधिकाधिक गोवंश को फायदा मिल सके।
स्थानीय लोगों को रोजगार
गो के गोमूत्र, गोबर, दूध से बने उत्पाद की मार्केटिंग से स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा। देशभर में कई जगह पर गो को गोमूत्र-गोबर से बने उत्पादों के स्टाल स्थापित किए गए हैं। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को इससे रोजगार मिलना शुरू हुआ है। खासकर गांव में रहने वाला किसान, पशुपालक व आमजन को इससे सर्वाधिक लाभ होना वाला है। इससे स्थानीय लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मुहैया हो सकेगा।
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गोबर व गोमूत्र से बने उत्पादों की मांग बढ़ रही
लॉकडाउन के दौरान गो उत्पाद यानी गोमूत्र व गोबर से बने प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ गई। अब गो आधारित कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है। गोपालन पर भी बल दिया है। गाय के गोबर व गोमूत्र से बने उत्पादों की मांग निरंतर बढ़ रही है। इसके साथ ही ऐसे उत्पादों की मांग भी बनी हुई है जहां खेतों में गाय की गोबर से बनी खाद डालकर खेती की जा रही है और किसी तरह के किटनाशक का छिडकाव नहीं किया जाता।
– कल्याणसिंह राजपुरोहित, अखिल भारतीय मार्केटिंग प्रमुख (गो सेवा गतिविधि), उत्तर तमिलनाडु प्रांत, आरएसएस।
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