मामला रविवार शाम का है जब मुक्कुलत्तूर पुलीपड़ै के संस्थापक व विधायक करुणास ने एक विरोध रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ईके पलनीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम व पुलिस अधिकारियों पर अपमानजनक टिप्पणियां की। इस पृष्ठभूमि में वे शुक्रवार को बोले कि एक पुलिस अधिकारी उनके समुदाय के युवाओं पर झूठा मुकदमा दर्ज करने में लगे हैं। इस विषय में ही विरोध रैली आयोजित हुई थी। उस वक्त की सरगर्मी में अगर उन्होंने भाषणबाजी में व्यक्तिगत हमले किए हैं तो वे खेद प्रकट करते हैं।
अपनी बेदाग छवि का संदर्भ देते हुए करुणास ने कहा वे २००९ से राजनीतिक दल चला रहे हैं। धारा ७५ के तहत भी उन पर अब तक कोई सामान्य केस तक दर्ज नहीं हुआ है। वे अपने कार्यकर्ताओं को कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हैं। उनका विवाद केवल एक पुलिस अफसर के साथ है लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि पूरा महकमा ही उनके खिलाफ हो गया है। उन्होंने सफाई दी कि उस विरोध रैली में वे ४५ मिनट तक बोले थे, लेकिन टीवी चैनलों पर सम्पादन के बाद एक खास क्लिपिंग ही दिखाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि नुंगम्बाक्कम के पुलिस उप निरीक्षक ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर थाने में मद्रास सिटी पुलिस एक्ट (रुकावट डालने) की धारा ७५ के तहत मुकदमा दर्ज कराया। इसके अलावा उन पर आईपीसी की धाराओं १५३, १५३(ए), ५०४, ५०५, ५०६(१) और ४१ (६)(१-ए) भी लगाई गई ताकि बिना वारंट के उनकी गिरफ्तारी की जा सके।