विवि के एमआईटी कैम्पस के सेंटर फॉर एयरोस्पेस रिसर्च की अगुवाई में मानव रहित एरियल सिस्टम पर काम किया जा रहा है जिसे सामाजिक और देश की भावी जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किया जा रहा है।
इसके विस्तार के लिए लगने वाले मानवश्रम को स्थापित करने के उद्देश्य से इस एयरो डिजाइन चैलेेंज २०१८ का आयोजन लगातार तीसरे साल किया जा रहा है। १३ जुलाई तक चलने वाले इस डिजाइन चैलेंज में १०० टीमें और ७०० विद्यार्थी हिस्सा लेंगे।
सभी टीमें अपनी प्रतिभा, डिजाइन और तकनीकी का प्रदर्शन करेंगी। प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाली टीम को ४.१ लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी।
इस मौके पर राज्यपाल ने अन्ना विवि द्वारा विकसित मल्टारोटर लॉग इंड्योरेंस यूएवी का मुआयना किया। इसके अलावा विवि द्वारा विकसित मानव रहित एरियल व्हीकल का भी मुआयना किया और मानवरहित हेलिकॉप्टर का प्रदर्शन देखा। उन्होंने विद्यार्थियों से बातचीत की। इस मौके पर राज्यपाल ने एयरो डिजाइन चैलेंज की स्मारिका का अनावरण किया जिसकी पहली प्रति अन्ना विवि के कुलपति प्रोफेसर एमके सुरप्पा को दी गई।
चेन्नई-सेलम ही नहीं आठ अन्य परियोजनाओं की भी है योजना
सरकार की प्रस्तावित चेन्नई-सेलम ग्रीन कॉरिडोर परियोजना का किसानों सहित राज्य की अन्य विपक्षी दलों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है लेकिन राज्य और केंद्रीय राजमार्ग विभाग के सूत्रों के अनुसार इस परियोजना के अलावा आठ अन्य परियोजनाओं की भी योजना बनाई गई है।
हाईवे विभाग के एक इंजीनियर ने बताया कि सभी परियोजनाओं से भी पर्यावरण प्रभावित होगा। ये सारी परियोजनाएं सेंट्रर भारतमाला परियोजना के तहत लागू की जाएंगी, जिनमें तमिलनाडु में ५७० किमी की नई सडक़ों का निर्माण होगा। देश की अन्य परियोजनाओं सहित तमिलनाडु की इन परियोजनाओं के लिए गत फरवरी में कोष का आवंटन भी किया गया था।
उन्होंने आगे बताया कि फरवरी में राज्य के मुख्यमंत्री एडपाड़ी के. पलनीस्वामी ने नितिन गडक़री सहित अन्य कुछ केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की थी और उसी दौरान परियोजना की अनुमति दी गई थी।
उन्होंने कहा कि उनको नहीं पता कि चेन्नई सेलम ग्रीन कॉरिडोर को लेकर ही प्रदर्शन क्यों चल रहा है, जबकि अन्य आठ परियोजनाओं का भी वातावरण पर असर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि चेन्नई सेलम के अलावा करुर कोयम्बत्तूर, मेलूर-तिरुपत्तूर, पुदुकोट्टै-तंजावुर, कुम्भकोणम-सिरकोजी, महाबलीपुरम-पुदुचेरी, चेन्नई-चित्तूर रोड और मदुरै-धनुषकोड़ी मार्ग सहित अन्य मार्ग निर्माण के लिए आवेदन भी मिल चुका है। उन्होंने कहा कि चेन्नई चित्तूर के लिए तो एनएचएआई अधिकारियों ने प्रारंभिक सर्वे भी शुरू कर दिया है। परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार हो रही है लेकिन यह कहना मुश्किल होगा कि इन सब के लिए कितनी भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
चेन्नई-सेलम ग्रीन कॉरिडोर का विरोध कर रहे किसान संघ के प्रमुख समन्वयक ने कहा उन लोगों को नई परियोजनाओं के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं है। लेकिन घोषणा किए जाने के बाद उनका विरोध करने के लिए भी तैयार हैं। इसी बीच ग्रीन कॉरिडोर का विरोध करने वाले किसानों की लगातार गिरफ्तारी जारी है।