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Exclusive: बेरुत धमाके के बाद चेन्नई के मनली कंटेनर फ्रीट स्टेशन में रखे अमोनियम नाइट्रेट से चिंता बढ़ी

locationचेन्नईPublished: Aug 07, 2020 01:36:25 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

मनली कंटेनर फ्रीट स्टेशन में रखे अमोनियम नाइट्रेट के कंटेनर।
– बेरुत में हुआ था रासायनिक पदार्थ में विस्फोट
5 साल से मनली स्टेशन में पड़ा 690 टन का अमोनियम नाइटे्रट!
– कस्टम ने कहा पूरी तरह सुरक्षित
 

After Beirut, Tonnes Of Explosive Chemical Near Chennai Sparks Worry

After Beirut, Tonnes Of Explosive Chemical Near Chennai Sparks Worry

चेन्नई.

लेबनान की राजधानी बेरुत में हुआ दिल-दहला देने वाला धमाका अमोनियम नाइट्रेट के भंडार की वजह से बताया गया है जो अरसों से पड़ा था। मनली स्थित सत्वा हाईटेक कंटेनर फ्रीट स्टेशन (सीएफएस) में भी करीब 690 टन अमोनियम नाइट्रेट के कंटेनर पिछले पांच साल से पड़े है। दरअसल कंसाइनमेंट मंगाने वाले व्यक्ति की ओर से गलत उद्घोषणा की वजह से यह माल यहां सीज कर रखा गया है जो विस्फोटक श्रेणी में आता है। पोर्ट कस्टम का दावा है कि यहां रखे कंटेनर पूरी तरह सुरक्षित है।

गौरतलब है कि बेरुत में कथित रूप से इसी रासायनिक पदार्थ के भंडार में हुए धमाके से सैकड़ों मारे गए हैं, हजारों घायल व लाखों लोग बेघर हो चुके हैं।

मनली के सीएफएस में रखे इन कंटेनरों के बारे में एक वरिष्ठ कस्टम अधिकारी ने बताया कि यह सहायक कस्टम आयुक्त के प्रशासनिक नियंत्रण में है। इन कंटेनरों को सुरक्षा मानकों के तहत रखा गया है ताकि किसी तरह की अनहोनी नहीं हो। इनके निपटारे की प्रक्रिया भी जारी है।

बंदरगाहों को किया अलर्ट
विस्फोटक रासायनिक पदार्थ के 37 कंटेनरों की जानकारी मिलने के बाद तमिलनाडु पुलिस को अलर्ट करने के अलावा खुफिया तंत्र को भी चौकन्ना कर दिया गया है। एण्णूर, तुत्तुकुड़ी, कारैकाल सहित अन्य बंदरगाह प्रशासनों को भी ताकीद की गई है कि अगर वहां ऐसे किसी तरह के विस्फोटक सामग्री वाले कंटेनर है तो इसका पता लगाएं।

2015 में किए सीज
कस्टम विभाग के सूत्रों के अनुसार 37 कंटेनर में 740 टन अमोनियम नाइट्रेट का आयात नवम्बर 2015 में करूर की मैसर्स श्रीअम्मन केमिकल्स ने दक्षिण कोरिया से किया था। इसकी कीमत 1.80 करोड़ रुपए है। असल में माल का वजन 697 टन ही था। आयातक ने इसे खाद की श्रेणी में रखते हुए आयात की उद्घोषणा की थी जबकि जांच में इसे विस्फोटक श्रेणी का पाया गया। आयातक ने अमोनियम नाइट्रेट नियम 2012 का भी उल्लंघन किया था। इन कंटेनरों को सीज करने के बाद सीएफएस भेज दिया गया।

ई-नीलामी की तैयारी
कस्टम विभाग के अनुसार पूरी खेप सुरक्षित है। 690 टन अमोनियम नाइट्रेट के निपटारे की प्रक्रिया के तहत इसकी ई-नीलामी की जाएगी। यह प्रक्रिया एक महीने के भीतर पूरी हो जाएगी। शेष सात टन अमोनियम नाइट्रेट 2015 की बाढ़ में खराब हो गया था।

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