इसके अलावा मरीजों के परिजनों द्वारा अधिक पैसे देकर इसको प्राप्त करने का भी कारण शामिल है। मौके का फायदा उठाते हुए विक्रेताओं द्वारा अधिक पैसा वसूला जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ऑक्सीजन सपोर्ट पर होने वाले मरजों के लिए ही यह दवा सहायक है। कोरोना का इलाज करा रहे अन्य मरीजों के लिए यह उपयोगी और जरूरी नहीं है। लेकिन सभी प्रकार के मरीज के परिजन इसे प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। विज्ञप्ति में आगे बताया कि दवा के आवंटन के लिए आवेदन कैसे करें, इसके बारे में भी विवरण जल्द ही साझा किया जाएगा। अस्पतालों को सलाह दी गई है कि वे मरीजों को दवा देते समय सावधानी बरतें और केवल उन लोगों को ही यह दवा दें जिसके लिए सच में यह जरूरी है। इस दवा की कालाबाजारी को रोकने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग सतर्क हुई है।
-नेहरु स्टेडियम में अनियंत्रित हुई भीड़ के कारण सरकार ने लिया निर्णय
सरकार का यह निर्णय उस वक्त सामने आया है जब शनिवार को ही कोरोना मरीजों के हजारों रिश्तेदार और अन्य लोग रेमेडिसिविर लेने के लिए नेहरु स्टेडियम में पहुंचे थे। इस दौरान सामाजिक दूरी का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया था। कई डॉक्टरों, विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि रेमेडिसिविर ड्रग जान बचाने में सहायक नहीं है, के बावजूद इसकी मांग काफी हद तक बढ़ गई है।