scriptDesi Drinks : कोरोना के बाद दुनियाभर में छाएंगे देश के देसी ड्रिंक्स | After Corona, the country's desi drinks will dominate the world | Patrika News

Desi Drinks : कोरोना के बाद दुनियाभर में छाएंगे देश के देसी ड्रिंक्स

locationचेन्नईPublished: Jun 20, 2022 10:16:04 pm

Submitted by:

arun Kumar

lemon waterDesi Drinks : 2027 तक छांछ, सिकंजी, नींबू पानी, बेल शर्बत का 60 फीसदी तक होगा कारोबार- 15 से 20 फीसदी हर साल बढ़ रहा नींबू पानी, गन्ना जूस और देसी शर्बत का कारोबार- 2021 में देश में आधे से ज्यादा नॉन कार्बोनेट देसी पेय ने किया कारोबार- 81 फीसदी भारतीयों का बीते दो साल में बदला ट्रेंड, देसी और प्राकृतिक पेय ज्यादा भाए

Desi Drinks : कोरोना के बाद दुनियाभर में छाएंगे देश के देसी ड्रिंक्स

Desi Drinks : कोरोना के बाद दुनियाभर में छाएंगे देश के देसी ड्रिंक्स

अरुण कुमार
Desi Drinks : कोरोना की पहली लहर ने लोगों को नीम, तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा, आंवला जूस आदि प्राकृतिक चीजों से जोड़ा। वहीं, दूसरी लहर ने देश-दुनिया के लोगों को नेचुरल और पौष्टिक खान-पान के बारे में सोचने को मजबूर किया। इसका नतीजा हुआ कि लोगों ने भोजन में हरी सब्जियों और मोटे अनाज को शामिल किया तो कोल्डड्रिक्स से दूरी बनाते हुए देसी जूस व पेयों को वरीयता दी। ग्रैंड व्यू रिसच और स्टेटिस्टा 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक 81 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ताओं ने कोर्बोनेटेड (कार्बनीकृत) कोल्ड डिं्रक्स Cold Drinks की बजाय नॉन कार्बोनेटेड (अकार्बनीकृत) देसी और प्राकृतिक विकल्पों को चुनने की बात कही है। यही कारण है कि नींबू पानी, गन्ने का जूस और शर्बत कारोबार कोरोना के बाद हर साल 20 से 25 फीसदी तक बढ़ा है।
अप्रैल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर में लोगों ने कोल्ड ड्रिक्स की जगह दही, छांछ, हल्दी दूध, शिकंजी, आम पना, बेल शर्बत, पुदीना शर्बत, जलजीरा तथा कई तरह के हर्बल शर्बतों का सेवन किया। इसका असर हुआ कि शीतल पेय कंपनियों ने अप्रैल-जून 2021 में सबसे खराब तिमाही देखी। 2022 में कंपनियों ने बहुत जोर लगाया तो मई तक लक्ष्य का 2.8 फीसदी ही हासिल कर पाए। इन हालातों के बाद कई दिग्गज कंपनियों ने प्राकृतिक रंग व स्वाद वाले देसी भारतीय पेय बाजार में उतार दिए तो कुछ तैयारी में हैं। देश की कई नामी-गिरामी हर्बल उत्पाद कंपनियां भी अपने पेटेंट कराने में जुटी हैं। स्टेटिस्टा के आंकलन के अनुसार 2021 में देश में नॉन अल्कोहलिक ड्रिंक्स की बिक्री 8.69 अरब डॉलर थी, जिसमें अकेले गैर-कार्बोनेटेड पेय यानि छांछ, शिकंजी, आम पना, जलजीरा, पुदीना शर्बत, बेल शर्बत जैसे उत्पादों की हिस्सेदारी 50.85 फीसदी रही। 2027 तक यह बिक्री पांच गुना तक होने की संभावना है।

 

Desi Drinks : कोरोना के बाद दुनियाभर में छाएंगे देश के देसी ड्रिंक्स
युवाओं ने नॉन एल्कोहलिक पेय से बढ़ाई दूरी
मिंटेल के शोध के अनुसार, 38 प्रतिशत 25-34 आयु वर्ग के भारतीय युवा बिना अल्कोहल वाले पेय तो 41 फीसदी बिना अल्कोहल वाली बीयर पीना पसंद कर रहे हैं। इसका असर हुआ कि देश की दिग्गज बीयर कंपनियों ने कई तरह के नॉन-अल्कोहलिक बेवरेज लॉन्च दिए हैं। देश में फ्रूट बीयर का चलन भी तेजी से बढ़ा है।
पौष्टिकता से भरपूर प्राकृतिक जूस और देसी पेय
शिकंजी : विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, त्वरित ऊर्जा, शरीर ताप नियंत्रक
गन्ने का जूस : सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, लीवर व प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती
नींबू पानी : विटामिन सी, सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, एंटी बैक्टीरियल
आम पना : विटामिन ए, बी, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, सोडियम और आयरन
लस्सी : कैल्शियम, विटामिन डी, पाचन में सहायक, त्वचा को निखारता है
मैंगो शेक : आयरन, प्रोटीन, विटामिन-ए, बीटा-कैरोटीन, एनीमिया और आंखों के लिए लाभकारी
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पैकेज्ड जूस में सिर्फ नुकसान
पैकेज्ड जूस नुकसान ही पहुंचाते हैं। इनमें प्रिजरवेटिव्स और नकली मिठास वजन बढ़ाने के साथ मधुमेह भी देती है। फॉस्फोरिक एसिड और उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप हृदय या कैंसर जैसी बीमारियां भी देते हैं।
– डॉ सिद्धांत भार्गव, फिटनेस और पोषण वैज्ञानिक, मुंबई
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