प्रदर्शन के बाद दक्षिण रेलवे ने परिपत्र को लिया वापस
चेन्नईPublished: Jun 14, 2019 04:25:01 pm
-आधिकारिक बातचीत में हिन्दी व अंग्रेजी के ही इस्तेमाल का दिया था निर्देश-हिन्दी को थोपने की प्रक्रिया अब हो बंद: स्टालिन
प्रदर्शन के बाद दक्षिण रेलवे ने परिपत्र को लिया वापस
चेन्नई. डीएमके समेत कई अन्य पार्टी के नेताओं द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद दक्षिण रेलवे ने शुक्रवार को स्टेशन स्टॉफ और ट्रेन संचालन नियंत्रक के लिए जारी परिपत्र, जिसमें सभी से आधिकारिक बातचीत में क्षेत्र्ीाय भाषा का नहीं बल्कि हिन्दी और अंग्रेजी के इस्तेमाल का निर्देश दिया गया था, को वापस ले लिया। रेलवे द्वारा बुधवार को जारी परिपत्र में निर्देश दिया गया था कि बातचीत में सिर्फ हिन्दी और अंग्रेजी भाषा का ही प्रयोग किया जाना चाहिए। इस निर्देश का विरोध करते हुए डीएमके कार्यकर्ताओं ने पार्क टाउन स्थित दक्षिण रेलवे कार्यालय पर प्रदर्शन किया। डीएमके के नवनिर्वाचित सांसद दयानिधि मारन के नेतृत्व में पार्टी के कुछ नेताओं ने दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक राहुल जैन से मुलाकात कर परिपत्र को वापल लेने की मांग की। बैठक के बाद जैन ने कहा कि परिपत्र को वापस ले लिया जाएगा। ऐसा सिर्फ किसी प्रकार के गलतफहमी को दूर करने के उद्देश्य से किया गया था। दक्षिण रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि परिपत्र को वापस ले लिया गया है और जल्द ही आदेश जारी किया जाएगा। इससे पहले एक विज्ञप्ति जारी कर डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा परिपत्र जारी कर रेलवे द्वारा तमिलनाडु में हिन्दी को थोपने के साथ ही इसे प्रमुख भाषा बनाने की कोशिश की जा रही है, जो कि सही नहीं है। इस प्रकार से रेलवे अपने अधिकारियों को धमका रहा है। रेलवे को परिपत्र वापस लेना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु में हिन्दी थोपने वाली कोशिश को अब पूर्ण रूप से रोक देनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो डीएमके द्वारा राज्य में हिन्दी पर पूर्ण विराम लगा दिया जाएगा।