इसके अलावा पार्टी ने 9 जुलाई को जिला सचिवों और अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी हार समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा करने की योजना बनाई है। इसी प्रकार से पार्टी राज्य के कई ग्रामीण जिलों में पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं तक शशिकला की पहुंच के खिलाफ आक्रामक योजना बना रही है।
उल्लेखनीय है कि गत विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही शशिकला ने राजनीति छोडऩे की घोषणा की थी। बेंगलूरु जेल से सजा काटने के बाद चेन्नई लौटने पर वे टीटीवी दिनकरण के नेतृत्व वाली पार्टी का नेतृत्व करते हुए एआईएडीएमके में वापसी करने वाली थी। लेकिन अचानक से उन्होंने राजनीति छोडऩे की घोषणा कर दी थी। इसी बीच विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके की हार के बाद शशिकला एक बार फिर से राजनीति में सक्रिय होने लगी है।
उसके बाद से वे एआईएडीएमके के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से संपर्क कर एआईएडीएमके में वापस आने का दावा कर रही है। शशिकला से बात करने और समर्थन करने के मामले में एआईएडीएमके ने पहले भी कई पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर कर दिया है। कुछ राजनेता ऐसा भी दावा कर रहे हैं कि शशिकला इस प्रकार की प्रक्रिया में लिप्त होकर पूर्व मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी और पूर्व उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उनका यह प्रयास कभी सफल नहीं होगा।