उल्लेखनीय है कि आम चुनाव के बाद से शशिकला पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से संपर्क कर स्वयं को महासचिव बताते हुए पार्टी में प्रवेश करने के प्रयास में है जिसका अन्नाद्रमुक नेताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है।
अन्नाद्रमुक ने पार्टी संविधान में किए बदलाव के तहत शीर्ष नेतृत्व के चुनाव के लिए ‘प्राथमिक सदस्योंÓ को अधिकृत किया है। हालांकि वे इन दोनों पदों के लिए एक वोट ही डालेंगे। शीर्ष नेतृत्व का आशय संयुक्त रूप से समन्वयक और सह-समन्वयक से है। उल्लेखनीय है कि २०१७ में ईपीएस-ओपीएस के धड़े के विलय के बाद जब दोहरे नेतृत्व की व्यवस्था लागू की गई थी तब महासचिव के सभी अधिकार समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) और सह-समन्वय ईके पलनीस्वामी (ईपीएस) को दे दिए गए थे। साथ ही यह तय हुआ था कि महापरिषद ही इनका चुनाव करेगी। अब उस व्यवस्था में संशोधन किया गया है।
प्राथमिक सदस्यों की रायशुमारी
पार्टी की आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार यह संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू माना जाएगा। संशोधन संबंधी प्रस्ताव पारित किए जाने से पहले पार्टी के प्राथमिक और कार्यकारिणी सदस्यों से रायशुमारी की गई है। संशोधन संबंधी विशेष प्रस्ताव उप संयोजक केपी मुन्नुसामी ने पेश किया। इस मौके पर मार्गदर्शन समिति के सभी सदस्य उपस्थित थे।
यह हुआ बदलाव
– प्राथमिक सदस्य करेंगे शीर्ष नेतृत्व का चुनाव
– नियम ४३ के तहत महापरिषद को नए कानून बनाने और हटाने का अधिकार
– नियम ४५ समन्वयक और सह-समन्वय को किसी भी प्रावधान में छूट और रियायत देने का अधिकार
– नियम २० (ए)(२) जो शीर्ष नेतृत्व के चुनाव की व्याख्या करता है, में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता
आगे क्या
– दोहरे नेतृत्व की पुष्टि से शशिकला को महासचिव बनने से रोकने की पहल
– संशोधन को न्यायालय में मिल सकती है चुनौती
तमिलमगन अस्थाई पदेन अध्यक्ष नियुक्त
कार्यकारी समिति की बैठक में बुधवार तमिलमगन हुसैन को पार्टी का नया पदेन अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। हालांकि यह नियुक्ति अस्थाई प्रकृति की होगी। ई. मधुसूदनन के निधन के बाद यह पद रिक्त था। कन्याकुमारी जिले के रहने वाले हुसैन एमजीआर मंड्रम के सचिव हैं और वक्फ बोर्ड का नेतृत्व भी कर चुके हैं। इसी तरह पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विचार रखने वाले वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद अनवर राजा को बीती रात बर्खास्त कर दिया।