अन्नाद्रमुक ने पहले राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) परीक्षा रद्द करने, पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में कमी जैसे अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए डीएमके सरकार की मांग को पूरा करने के लिए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने के अपने फैसले की घोषणा की थी। तेनी जिले में पत्रकारों से बात करते हुए पन्नीरसेल्वम ने कहा कि द्रमुक ने 505 चुनावी वादे किए हैं। यह झूठे चुनावी वादे कर और अन्नाद्रमुक से सिर्फ तीन प्रतिशत अधिक वोट पाकर सत्ता में आई।
पन्नीरसेल्वम ने कहा, द्रमुक सरकार बैकफुट पर है क्योंकि वह अपने चुनावी वादों को पूरा करने में सक्षम नहीं है। सेलम जिले में पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के संयुक्त समन्वयक के. पलनीस्वामी ने सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि द्रमुक सरकार चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रही है।
कुछ दिन पहले दो पूर्व मुख्यमंत्रियों, पनीरसेल्वम और पलनीस्वामी ने एक संयुक्त बयान में पार्टी सदस्यों से अपने घरों के बाहर तख्तियां रखने का आग्रह किया और मांग की कि द्रमुक सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करे। अन्नाद्रमुक के दो नेताओं ने कहा कि द्रमुक को लोगों से किए गए सैकड़ों चुनावी वादों को पूरा करना चाहिए।
उनके मुताबिक, द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन, उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन और बहन कनिमोझी ने वादा किया था कि पार्टी सत्ता में आने के बाद मेडिकल कॉलेजों के लिए नीट प्रवेश परीक्षा रद्द कर देगी। एआईएडीएमके नेताओं ने कहा कि अब डीएमके सरकार छात्रों को नीट परीक्षा की तैयारी करने के लिए कह रही है।
उन्होंने बताया कि द्रमुक ने पेट्रोल की कीमत 5 रुपए प्रति लीटर, डीजल 4 रुपए प्रति लीटर और रसोई गैस सिलेंडर के लिए 100 रुपए की सब्सिडी कम करने का वादा किया था जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया है।
अन्नाद्रमुक ने कहा कि द्रमुक के सत्ता में आने के बाद से राज्य में अक्सर बिजली कटौती हो रही है लेकिन वे इसके लिए बिजली के तारों पर चलने वाली गिलहरियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। नेताओं ने कहा कि द्रमुक ने किसानों से कई चुनावी वादे किए थे, लेकिन उनमें से एक भी पूरा नहीं किया। उनके मुताबिक, द्रमुक सरकार अन्नाद्रमुक नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर घटिया राजनीति कर रही है।