पहली सूची में मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम का भी नाम शामिल है। इसमें दो मंत्रियों और दो मौजूदा विधायकों को भी टिकट दिया गया है। मुख्यमंत्री पलनीस्वामी अपने गृह जिले सेलम में इडप्पाडी निर्वाचन क्षेत्र से और उप मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम तेणी जिले में बोदिनायाकनूर से चुनाव लड़ेंगे।
वहीं वरिष्ठ नेता डी जयकुमार (मत्स्य मंत्री) रॉयपुरम से और सीवी षणमुगम (विधि मंत्री) उत्तरी तमिलनाडु में विल्लुपुरम से चुनावी मुकाबले में उतरेंगे। इनके अलावा विधायक एसपी षणमुगनाथन श्रीवैगुंडम और एस थेनमोझी नीलाकोट्टई (आरक्षित) सीट से चुनाव लड़ेंगे। एस थेनमोझी एआईएडीएमके की दलित महिला नेता हैं। वहीं बीजेपी और एआईएडीएमके के बीच सीटों को लेकर रार बनी हुई है। बताया जा रहा है कि बीजेपी ने एआईएडीएमके को 60 सीटों की लिस्ट सौंपी हैं, जिसमें से उसे 21 सीटें मिल सकती हैं।
इससे पहले शनिवार को अन्नाद्रमुक और पीएमके के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई। बंटवारे के तहत एस रामदास की पार्टी पीएमके 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। अन्नाद्रमुक समन्वयक और उप मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि उनकी पार्टी और पीएमके ने गठबंधन कर चुनाव लडऩे का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री के पलनीस्वामी और पीएमके के राज्यसभा सदस्य अंबुमणि रामदास की उपस्थिति में पन्नीरसेल्वम ने कहा कि अन्नाद्रमुक और पीएमके के बीच हुए समझौते के अनुसार पीएमके को 23 सीटें दी गई है।
विजयकांत की पार्टी देसिया मुरपोक्कू द्रविड कडग़म (डीएमडीके) और जीके वासन की तमिल मनीला कांग्रेस भी एआईएडीएमके की सहयोगी हैं। एआईएडीएमके ने गठबंधन में शामिल दूसरी पार्टी पत्ताली मक्कल कच्ची (पीएमके) को 23 सीटें देने का फैसला किया है। एआईएडीएमके बीजेपी से ज्यादा पीएमके को सीटें दे रही है। इसके चलते अभी तक एआईएडीएमके और बीजेपी के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय नहीं हो सका है। माना जा रहा है कि जल्द ही डीएमके और कांग्रेस अपने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने वाला है।
तमिलनाडु में 10 सालों से सत्ता में है एआईएडीएमके
तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है। तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म का शासन है। राज्य की जनता ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके प्रमुख जे. जयललिता को दोबारा सत्ता सौंपी थी। इस चुनाव में ्रएआईएडीएमके को 135 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (डीएमके) 88 सीटों पर सिमट गई थी। कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी जबकि भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था।