–द्वितीय श्रेणी का प्रश्रपत्र लिक हो गया था
उन्होंने कहा कुछ साल पहले भी टीएनपीएससी के द्वितीय श्रेणी का प्रश्रपत्र लिक हो गया था। घटना के बाद अगर सख्त कार्रवाई हुई होती तो वर्तमान का घोटाला कभी नहीं होता। अलगिरी ने दावा किया कि इसमें कोई संदेह नहीं कि टीएनपीएससी के नेतृत्व और दलालों ने कदाचार को सक्षम करने के लिए एक स्थिति बना दी थी। टीएनपीएससी के उच्च अधिकारियों के लिप्तता के बगैर यह घोटाला संभव ही नहीं हो सकता है। स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सच का खुलाशा करने के लिए मामले में सीबीआई जांच जरूरी है ताकि आरोपियों को सजा मिल सके।