उनके सहयोग के बिना कोविड 19 से छुटकारा पाना संभव नहीं हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में जान को जोखिम में डालने वाले मेडिकल कर्मचारियों को सरकार वेतना नहीं देकर भरोसा खो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में मेडिकल कर्मचारियों को पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। अलगिरी ने एक निजी फर्म के माध्यम से अस्थाई मेडिकल स्टॉफ को काम पर रखने और बाद में रद्द किए जाने वाले अनुबंध का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आशा करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया से केंद्र और राज्य सरकार को सीख मिल जाएगी।