चेन्नई

राज्य के सभी 32 किशोर न्याय बोर्डों का होगा पुनर्गठन

– नई नियुक्तियों के आदेश का इंतजार

चेन्नईDec 25, 2018 / 02:48 pm

PURUSHOTTAM REDDY

राज्य के सभी 32 किशोर न्याय बोर्डों का होगा पुनर्गठन

चेन्नई. नई बाल कल्याण समितियों सीडब्ल्यूसी के गठन के बाद राज्य में 32 किशोर न्याय बोर्ड्स का पुनर्गठन किया जाएगा।
बोर्ड के सदस्य तीन साल पहले ही सेवा की अवधि समाप्त होने के बाद से अब सेवा की विस्तारित सुविधा के तहत काम कर रहे हैं।
मद्रास उच्च न्यायालय ने बिना उचित चयन समिति के नए सदस्यों के चुनाव पर लगे प्रतिबंध को पिछले महीने ही हटाया है। नए बोर्ड में उन सदस्यों को भी शामिल करने की संभावना है जिनका चयन प्रतिबंध से पहले हुआ था। बोर्ड के कुछ सदस्य अपना पद खाली नहीं करना चाहते। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके बावजूद नियुक्तियां समय पर की जाएंगी।
किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अनुसार राज्य में बच्चों को त्वरित कानूनी सुरक्षा देने के लिए राज्य सरकार हर जिले में एक या एक से अधिक बोर्ड का गठन कर सकती है। बोर्ड में मेट्रोपालिटन या ज्यूडीशियल न्यायाधीश और दो सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। चेन्नई बोर्ड में वर्तमान में एक ज्यूडीशियल न्यायाधीश और एक सदस्य है। दूसरे को हाल ही सीडब्ल्यूसी में नियुक्त किया गया है। मौजूदा सदस्य बोर्ड में कार्यकाल पूरा करने वाले हैं। कांचीपुरम बोर्ड की भी यही दुर्दशा है। चेन्नई बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि नियुक्तियों में देरी के मामलों को नहीं सुलझाया गया है। किशोर मुद्दों को दो व्यक्तियों के भरोसे संभाल पाना बहुत बड़ी समस्या है।
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, चेन्नई के गिरिजा कुमार बाबू ने कहा कि हम नियुक्तियों के लिए सरकार के नए आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
चेंज इंडिया के निदेशक ए. नारायणन ने बोर्ड के पुनर्गठन पर चिंता जताई। उन्होंने इसकी तुलना सीडब्ल्यूसी के दूसरे संगठनों के पूर्णकालिक बोर्ड सदस्यों से करते हुए कहा कि यहां हितों का संघर्ष स्पष्ट नजर आ रहा है जिसे नजरंदाज कर दिया गया है। कमेटी के कई सदस्यों ने अपना कार्यभार भी ग्रहण नहीं किया। जुवेनाइल बोर्ड के सदस्यों की प्रतिबद्धता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

Home / Chennai / राज्य के सभी 32 किशोर न्याय बोर्डों का होगा पुनर्गठन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.