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राजस्थान मूल के चेन्नई प्रवासी अमित नाहर ने लॉकडाउन के समय एन्टरप्रेन्योर को निशुल्क वेबीनारों के माध्यम से बताई बिजनस की बारीकियां

locationचेन्नईPublished: May 17, 2021 09:17:33 pm

राजस्थान मूल के चेन्नई प्रवासी अमित नाहर ने लॉकडाउन के समय एन्टरप्रेन्योर को निशुल्क वेबीनार के माध्यम से बताई बिजनस की बारीकियां, रफ्तार बढ़ाने के दिए टिप्स

AMIT P. NAHAR, LEADING BUSINESS DESIGN COACH

AMIT P. NAHAR, LEADING BUSINESS DESIGN COACH

चेन्नई कोरोना ने कई लोगों की नौकरियां छीन ली तो लॉकडाउन के चलते भी कई बिजनस बन्द होने के कगार पर पहुंच गए और कई लोग बेरोजगार हो गए। कोरोना की मार एवं लॉकडाउन ने बिजनस पर गहरा असर डाला। पिछले एक साल से बिजनस डगमगाते हुए आगे बढ़ रहा है। कई बिजनस तो ऐसे हैं जो पिछले साल के लॉकडाउन के बाद से अब तक पटरी पर नहीं लौट सके है। ऐसे हालात में राजस्थान मूल के चेन्नई प्रवासी अग्रणी बिजनस डिजाइन कोच अमित पी. नाहर ने एन्टरप्रेन्योर के लिए निशुल्क वेबीनारों के माध्यम से उन्हें बिजनस की बारीकियां बताईं। रफ्तार बढ़ाने को लेकर बिजनस के टिप्स दिए।
बिजनस में कौशल
अमित पी. नाहर 18 साल से बिजनस कोच है। जब पिछले साल लॉकडाउन लगा तो उनके पास एन्टरप्रेन्योर एवं बिजनसमैन के फोन आए और उनसे सलाह मांगी। तब लॉकडाउन के चलते उन्होंने वेबीनार के जरिए बताया कि कैसे हम नई सोच के साथ और कौशल के जरिए बिजनस को फिर से खड़ा कर सकते हैं। इसके बाद विभिन्न मौकों पर वे लोगों को बिजनस के बारे में राय देते रहे। इस बार भी लॉकडाउन में वे वेबीनार के जरिए लोगों को बिजनस को फिर से खड़ा करने के तौर-तरीकों के बारे में बता रहे हैं।
सोच में बदलाव की जरूरत
नाहर कहते हैं, यदि हम जमाने के अनुसार बदलाव नहीं करेंगे तो पीछे रह जाएंगे। हमें पुरानी सोच को बदलना होगा। काम के तौर-तरीके में बदलाव लाना होग। आज का बिजनस डिजीटल मोड़ की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसकी समझ हमें रखना जरूरी है। बिजनस में जो बदलाव नहीं ला पाएंगे वे रफ्तार में पिछड़ जाएंगे। बिजनस की दिशा बदल रही है। यदि बिजनस अच्छा चलेगा तो इसका असर दूसरे लोगों पर भी पड़ेगा।
संभावनाओं से भरा है बिजनस
वे कहते हैं, हमारे पास करने के लिए बहुत है। हमें अपने बिजनस की न केवल रफ्तार को तेज करना है बल्कि उसे अलग-अलग दिशा में भी ले जाना है। भले ही कोरोना एवं लॉकडाउन हो गया है, बावजूद हर बिजनस में संभावनाएं मौजूद है। जरूरत केवल उस अवसर को पहचानने की है। लॉकडाउन में एन्टरप्रेन्योर को सोचने का समय मिला है। इसके जरिए वह अपने व्यापार को विस्तार और मोड़ दे सकता है।

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