केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने यहाँ चेन्नई में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु द्वारा उपराष्ट्रपति के रूप में दो साल के कार्यकाल पर लिखी पुस्तक ‘लिस्टिंग, लर्निंग एंड लीडिंग’
listing , Learning and Leading का विमोचन करते हुए कहा कि इस पुस्तक का शीर्षक उपराष्ट्रपति वेंकैया के जीवन की व्याख्या करता हुआ शीर्षक है।
अमित शाह ने कहा कि मेरे मन में कभी कोई दुविधा नहीं थी कि धारा 370 हटनी चाहिये कि नहीं और उसके हटने के बाद क्या होगा क्योंकि मै मानता हूँ कि 370 हटने के बाद कश्मीर से आतंकवाद खत्म होगा और राज्य विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ेगा। उनका कह्ना था कि नायडु के सदन संचालन की कुशलता का ही परिणाम है कि धारा 370 हटाने बिल आसानी से पारित हुआ।
अमित शाह ने कहा कि आंध्र प्रदेश के एक साधारण किसान परिवार में जन्म लेकर नायडु बहुत कम उम्र में ही RSS एवं ABVP की विचारधारा से जुड़ गए और उसके आधार पर उन्होंने जिस तरह से राज्य और देश के विकास में अपना योगदान दिया, यह हम सबने देखा है। जब विद्यार्थी परिषद् का
Article 370 के खिलाफ आंदोलन चल रहा था तो वेंकैया भी उस आंदोलन का हिस्सा थे। इस दौरान एक कम्युनिस्ट प्रोफ़ेसर ने वेंकैया से पूछा कि आपने कश्मीर देखा है क्या? यदि आपने कश्मीर देखा ही नहीं है तो आप आंदोलन क्यों कर रहे हैं? तो छूटते ही वेंकैया का जवाब था कि हालांकि एक आँख को दूसरी आँख दिखाई नहीं देती लेकिन यदि एक को दर्द होता है तो दूसरी आँख को अपने आप महसूस हो जाता है। यह विधि का ही विधान है कि जो बाल वेंकैया नायडु ने 370 के खिलाफ आंदोलन किया था वही नायडु धारा 370 हटाने के समय राज्यसभा में अध्यक्षता कर रहे थे।