वाइको ने मुल्लापेरियार बांध की सुरक्षा के महत्व और इस मुद्दे पर आयोजित विरोध प्रदर्शनों के बारे में किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने में उनके द्वारा किए गए प्रयासों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि मुल्लापेरियार बांध का मामला पहले से ही सुलझा हुआ है। अब केरल सरकार बांध को तोडऩे की कोशिश कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो राज्य की जनता इसका सख्ती से विरोध करेगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में अन्नामालै ने कहा था कि राज्य सरकार ने मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर बनाए रखने के अपने अधिकारों को छोड़ कर पांच दक्षिणी जिलों के किसानों के हितों की रक्षा करने में विफल रहा है।
उन्होंने कहा था कि तत्कालिन एआईएडीएमके शासनकाल के दौरान पेरियार बांध का जलस्तर 142 फीट पर बरकरार रखा गया था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद 138 फीट पानी होने पर ही बांध से पानी छोड़ दिया गया, ताकि केरल की जनता को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि स्टालिन को हमारे अधिकारों को छोडऩे के लिए तमिलनाडु के लोगों के सामने माफी मांगनी चाहिए।