यूजर्स की गई जरा सी लापरवाही उन पर ही भारी
डिजीटल सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन वी. राजेन्द्रन के अनुसार पिछले दो साल में भारत में यूजर्स पर होने वाले साइबर हमले और डेटा चोरी के मामले भी कई गुना बढ़े हैं। ज्यादातर डेटा चोरी के मामलों में यूजर्स की ओर से की गई जरा सी लापरवाही उन पर भारी पड़ती है। पासवर्ड, सीवीवी और डेबिट कार्ड पिन और पर्सनल डेटा को सुरक्षित तरीके से स्टोर न करने के चलते यूजर्स की ढेर सारी जानकारी हैकर्स को एक साथ मिल जाती है और उनको नुकसान पहुंचाया जा सकता है। निजी डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्लाउड पर भी स्टोर किया जा सकता है, जिससे कीमती डेटा को महफूज रख सकते हैं। डेटा को स्टोर करने के लिए पासवर्ड प्रोटेक्टेड पेन ड्राइव या हार्ड ***** का इस्तेमाल करना सावधानी वाला कदम ही साबित होगा। यूजर्स पासवर्ड मैनेजर ऐप्स की मदद से पिन और दूसरी जानकारी सेव कर सकते हैं और केवल एक मास्टर पासवर्ड याद रखना पड़ता है।
इतने लोगों पर किया गया सर्वे
देश के 393 जिलों के लगभग 24,000 लोगों को इस सर्वे में शामिल किया गया है जिनमें 63 प्रतिशत पुरुष व 37 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। इन सभी में 45 प्रतिशत मेट्रो टियर 1 के लोग हैं, जबकि 31 प्रतिशत मेट्रो टियर 2 और 24 प्रतिशत मेट्रो टियर 3 शहरों और गांवों के लोगों को शामिल किया गया है।
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फैक्ट फाइल-
– 39 प्रतिशत लोगों ने माना वे अपनी संवेदनशील जानकारी पेपर पर लिखकर रखते हैं वहीं 29 प्रतिशत लोग अपने डेबिट कार्ड पिन को अपने परिवार के सदस्यों के साथ जबकि 4 प्रतिशत लोग इनको अपने घर या ऑफिस में सहकर्मियों व 2 प्रतिशत अपने दोस्तों के साथ शेयर करते हैं।
– 7 प्रतिशत के मुताबिक उनकी संवेदनशील जानकारी उनके मोबाइल फोन में है। 15 प्रतिशत के मुताबिक उनकी जानकारी ईमेल या कंप्यूटर में है जबकि 11 प्रतिशत की जानकारी मोबाइल फोन और कंप्यूटर दोनों में है।
– 7 प्रतिशत लोगों को पता ही नहीं कि उनकी जरूरी जानकारी कहां हो सकती है। सिर्फ 21 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे अपनी संवेदनशील जानकारी याद रखते हैं।