इस मौके पर आचार्य ने कहा दक्षिणी राज्यों में जैन समाज का पुराना इतिहास रहा है। तमिल संस्कृति के विकास में जैन संस्कृति का बहुत ही बड़ा योगदान रहा हैं। उन्होंने कहा समय के साथ परिवर्तन बहुत जरूरी है। ललित गांधी ने कहा जैन समाज को मिला हुआ अल्पसंख्यक दर्जे के जरिये समाज को एकत्रित करने के साथ भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
समारोह में जैनोलाजी परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को पुरस्कृत किया गया एवं अन्य को डिग्री एव प्रमाण पत्र दिए गए। इसके अलावा हुलसमल, प्रमोद, मनीष चोरडिया द्वारा नवपद ओली आराधना के तपस्वियों का सम्मान किया गया।
इस मौके पर ४५० विकलांगों में चश्मे, हीयरिंग एड्स, क्लचेस, ट्राईसाइकिल व व्हील चेयर समेत अन्य कृत्रिम अंगों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में भरत दांतेवाडिय़ा का भी सहयोग रहा। ट्रस्ट के महामंत्री मोहन जैन ने समारेाह की रूपरेखा की जानकारी दी एवं संचालन मनोज जैन ने किया।