भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए अनाग्रह, अनासक्ति, अनावेश की साधना करें। शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आसन, प्रणायाम, ध्यान व गमनयोग एवं बौद्धिक स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक चिंतन विकसित करें। स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए आहार संयम का विवेक जरूरी है। पेट को भगवान का मंदिर बनाएं, कचरे का डिब्बा नहीं। आहार को दबा दबा कर नहीं, चबा – चबा कर करें। मुनि विमलेश कुमार ने सुखी और स्वस्थ जीवन का रहस्य बताते हुए कहा कि शिकायत नहीं, धन्यवाद शब्द का उपयोग करे, जो हुआ अच्छा हुआ, जो नहीं हुआ उससे भी अच्छा हुआ। ये भी बीत जायेगा जैसे सूत्रों को अपनाए तो जीवन सुखी बन सकता हैं।
मुनि सुधाकर ने कहा क्रोध नियन्त्रण, इच्छाओं का संयम, परिस्थितियों के साथ संतुलन, व्यवस्थित दिनचर्या, सकारात्मक चिंतन ही सुखी जीवन का रहस्य है। मुनि दीपकुमार ने कहा स्वस्थ रहने के लिए खुलकर हंसिए, मानव शरीर को हमेशा सकारात्मक दिशा दें। मुनि सुबोध कुमार ने कहा सुखी और स्वस्थ जीवन के रहस्य बाहर नहीं हमारे भीतर हैं।
कार्यक्रम में विनोद पीतलिया, नवीन बोहरा एवं तेरापंथ महिला मंडल की पदाधिकारियों ने भी विचार व्यक्त किए। प्यारेलालजी पितलिया ने स्वागत भाषण दिया एवं गजेंद्र खांटेड ने धन्यवाद ज्ञापित किया व संचालन मुनि सुधाकर स्वामी ने किया। स्वरूपचंद दांती ने बताया कि कार्यक्रम में मुकेश मूथा व टीम का सहयोग रहा।
रिश्ते नाते यूथ एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी ने ली शपथ
रिश्ते नाते यूथ एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। वर्ष 2018-19 के लिए विजय दमानी को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अतिरिक्त सचिव रवि जैन, उपाध्यक्ष दिलीप राठौड़, संयुक्त सचिव जयंतीलाल जैन, कोषाध्यक्ष देवीचंद जैन, आईपीपी मनोज जैन, सलाहकार महेंद्र बालर बनाए गए हैं। दिलीप जैन, नेमीचंद देशलरा, महेश भूतड़ा, राकेश मालू, राजेश जैन, हंसमुख झाजेड़, रमेश जैन, मानकचंद झाजेड़, राजू कांकरिया, दीपक भाटिया तथा सुजीत तोसानिवाल निदेशक बनाए गए हैं।